करें मां चंद्रघंटा की पूजा, मिलेगा रोगों से मुक्त होने का वरदान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में इन दिनों चैत्र नवरात्रि की धूम है और आज (04 अप्रैल, सोमवार) आराधना का तीसरा दिन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि, मां चंद्रघंटा पापों का नाश और राक्षसों का वध करती हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, किसी तरह के शत्रुओं का डर सताने पर या फिर कुंडली में ग्रह दोष की समस्या को हल करने के लिए मां चंद्रघंटा की पूजा की जाना चाहिए। मां चंद्रघंटा की पूजा करने वाले साधक के चेहरे पर एक अलग ही तेज होता है।
शास्त्रों के अनुसार मान्यता यह भी है कि माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना से भक्तों को सभी जन्मों के कष्टों और पापों से मुक्त मिलती है। मान्यता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और व्यक्ति को सुखों की प्राप्ति होती है। माता चंद्रघंटा अपने सच्चे भक्तों को इस लोक और परलोक में कल्याण प्रदान करती हैं और भगवती अपने दोनों हाथों से साधकों को लम्बी आयु, सुख सम्पदा और रोगों से मुक्त होने का वरदान देती हैं। आइए जानते हैं मां के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...
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स्वरूप
मां चंद्रघंटा का रूप अत्यंत ही सौम्य होता है। भगवती चंद्रघंटा का रूप अत्यंत शांतिदायक और कल्याणकारी माना गया है। सिंह पर सवार माता के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र है, इसलिए माता को चंद्रघंटा नाम दिया गया है। मां चंद्रघंटा का शरीर स्वर्ण के समान उज्जवल है, इनका वाहन सिंह है और इनके दस हाथ हैं जो कि विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित रहते हैं।
ऐसे करें पूजा
नवरत्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की आराधना करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थान पर देवी की मूर्ति की स्थापना करें। इसके बाद इन्हें गंगा जल से स्नान कराएं। धूप-दीप, पुष्प, रोली, चंदन और फल-प्रसाद से देवी की देवी की पूजा करें। वैदिक और संप्तशती मंत्रों का जाप करें। सफेद चीज का भोग जैसै दूध या खीर का भोग लगाना चाहिए।
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इसके अलावा माता चंद्रघंटा को शहद का भोग भी लगाया जाता है। मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध का प्रयोग कल्याणकारी माना गया है। मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें। ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन के लिए मंत्रः
ॐ चं चं चं चंद्रघंटायेः हीं।
इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
Created On :   4 April 2022 8:56 AM IST