जानें पांच दिन तक चलने वाले इस व्रत का महत्व और पूजा विधि

Bhishma Panchak 2022: Know importance of fasting and worship method
जानें पांच दिन तक चलने वाले इस व्रत का महत्व और पूजा विधि
भीष्म पंचक 2022 जानें पांच दिन तक चलने वाले इस व्रत का महत्व और पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 04 नवंबर को है और इसी दिन से भीष्म पंचक व्रत शुरू हो जाता है। भीष्म पंचक व्रत कार्तिक पूर्णिमा तक यानी कि पांच दिनों तक चलता है। पांच दिन तक चलने के कारण इसे भीष्म पंचक कहते हैं। माना जाता है कि, जो महिलाएं पूरे कार्तिक मास तक किसी पवित्र नदी अथवा सरोवर में स्नान नहीं कर पातीं, वे इन पांच दिनों का पंचक स्नान करके फल प्राप्त कर सकती हैं।

इस बार यह 04 नवंबर को शुरू होकर 08 नवंबर तक चलेगा। पुराणों के अनुसार, पांच दिनों के इस व्रत को भीष्म ने भगवान वासुदेव से प्राप्त किया था और व्रत श्री कृष्ण ने प्रारंभ कराया था। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति भीष्म पंचक के दौरान व्रत और पूजा अर्चना करता है, उसे शुभ फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजा विधि...

ऐसे होती है पांच दिनों की पूजा
इस व्रत में पहले दिन पांच दिन के व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन देवताओं, ऋषियों और पितरों को श्रद्धा सहित याद किया जाता है। इस व्रत में लक्ष्मीनारायण जी की मूर्ति बनाकर उनका पूजा की जाती है। वहीं दूसरे दिन कटि प्रदेश का बिल्वपत्रों से, तीसरे दिन घुटनों का केतकी पुष्पों से, चौथे दिन चरणों का चमेली पुष्पों से तथा पांचवे दिन सम्पूर्ण अंग का तुलसी की मंजरी से पूजा की जाती है।

पूजा विधि
एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि के बाद इस व्रत का संकल्प लिया जाता है।
दीवार पर मिट्टी से सर्वतोभद्र की वेदी बनाकर कलश की स्थापना करें।
इसके बाद चौकी पर भगवान कृष्ण का चित्र और भीष्म पितमाह की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। 
भगवान कृष्ण और भीष्म पितामह को फल- फूल अर्पित करें। 
इसके बाद अखंड दीप जलाएं, जो पांच दिन तक जलता है।
प्रतिदिन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का यथासंभव जाप करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा यानी कि व्रत के पांचवे दिन हवन करें।
ॐ विष्णुवे नमः स्वाहा" मंत्र से घी, तिल और जौ की 108 आहुतियां दें।
व्रत के अंत मे ब्राह्मण दंपति को भोजन करवाना चाहिए। 

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

 

Created On :   4 Nov 2022 4:58 PM IST

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