जीवन में करना चाहते हैं उन्नति तो रविवार को करें सूर्य पूजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। शास्त्रों में भी बताया गया है, जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देता है, उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। तांबे की धातु पर सूर्य का आधिपत्य स्थापित है इसलिए भगवान आदित्य नारायण को जल अर्पित करते समय तांबा धातु के लोटे से अर्घ्य दें। लोटे में चावल, लाल रंग के फूल और लाल मिर्च के कुछ दाने डालें। ज्योतिष के मानें तो रविवार को सुबह सुबह इस उपाय को करने से पूरे सप्ताह सफलता अपके कदम चूमेगी। अगर आपके लिए हर रोज ऐसा करना संभव न हो तो रविवार की सुबह ये काम जरूर करें।
जल अर्पित करते समय इन मन्त्रों में से किसी भी एक मन्त्र का जाप करें-
1-ॐ सूर्याय नम:
2- सूर्याय नमः ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
3- ॐ घृणि: सूर्यादित्योम
4- ॐ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
5- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
रविवार को अवश्य करें ये काम
शास्त्रों में दान का अत्यधिक महत्व बताया गया है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार तांबे के बर्तन, लाल कपड़े, गेंहू, गुड़ और लाल चंदन का दान करें।
इन बातों का रखें ख्याल
सूर्य को जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि कि सूर्यदेव को कभी भी बिना स्नान के जल अर्पित न करें। आपको बता दें बहुत लोगों का ऐसा मानना है कि सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय पैर में जल की छीटें पड़ने से फल नहीं मिलता। लेकिन ऐसा नहीं होता है। ज्योतिषचार्यों के मतानुसार जल का प्रभाव और सूर्य की किरणों का प्रभाव केवल आपके सिर से नाभि तक ही होता है। इसलिए इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।
सूर्य देव को जल अर्पित करने के लिए कई लोग जल में गुड़ मिलाते हैं तो ऐसा न करें क्योंकि इसका कोई महत्व नहीं होता। आप जल में रोली या लाल चंदन और लाल पुष्प डाल सकते हैं। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय स्टील, चांदी, शीशे और प्लास्टिक बर्तनों का प्रयोग न करें। कभी भी बिना स्नान के जल अर्पित न करें।
Created On :   16 Feb 2019 5:57 AM GMT