सुदर्शन चक्र और त्रिशूल की रोशनी, यहां कुएं में विराजे हैं महादेव

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सुदर्शन चक्र और त्रिशूल की रोशनी, यहां कुएं में विराजे हैं महादेव
सुदर्शन चक्र और त्रिशूल की रोशनी, यहां कुएं में विराजे हैं महादेव

 

डिजिटल डेस्क, भदोही।  भारतदेश अनेक मंदिर एवं मान्यताओं का देश है। यहां अनेक ऐसे स्थान हैं जो अपने आप में आश्चर्य से कम नही हैं। आज एक ऐसे ही स्थान के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। यह स्थान उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में स्तिथ है। भगवान महादेव का ये मंदिर सेमराध नाम से प्रसिद्ध है। विशेष अवसरों पर यहां भक्तों की बड़ी संख्या देखने मिलती है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि एक गहराई में बना हुआ है, जो लगभग कुएं के समान ही है। यहां आने पर प्रतीत होता है मानो कुएं के अंदर ही खड़े हैं। यह स्थान अपने आप में बेहद अनाेखा है।

 

प्रचलित है ये पौराणिक कथा

इस मंदिर को लेकर एक पौराणिक कथा भी जुड़ी है, जिसके अनुसार पुण्डरिक नामक राक्षस का वध करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र छोड़ा था। जिससे पूरी काशी जलने लगी, इस अग्नि को शांत करने के लिए भगवान शिव ने त्रिशूल छोड़ा, जिस स्थान पर भगवान शिव का त्रिशूल और चक्र टकराए वहां एक रोशनी जमीन में समा गई। 

 

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कहा जाता है कि कालांतर में एक व्यापारी को स्वप्न देकर भगवान शिव ने स्वयं ही इस स्थान के बारे में बताया था। यहां खुदाई करने बाद एक शिवलिंग सामने आया, ऐसी भी बताया जाता है कि जिस स्थान पर आज यह मंदिर है उसे व्यापारी ने जब खुदवाना शुरू किया तो वह उसे जितना ही खुदवाता वह उतना ही नीचे धंस जाता। इस तरह पूरा स्थान कुएं के समान ही गहरा हो गया। गइराई बढ़ने के साथ ही इसमें से पानी भी निकलने लगा। इस वजह से ही इन्हें कुएं वाला मंदिर कहा जाने लगा। इस घटनाक्रम का उल्लेख पद्मपुराण में भी दिया गया है। मान्यता है कि इस स्थान पर अपनी अधूरी कामनाआें की पूर्ति के लिए जाे भी मन्नत मांगी जाए उसकी मनाेकामना अवश्य ही पूर्ण हाेती है।

Created On :   3 Feb 2018 10:05 AM IST

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