आसपास भटकेंगे भी नहीं भूत-प्रेत डाकिनी, अपनाएं ये 5 उपाय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऋगवेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। इन चार वेदों का अति महत्व है। माना जाता है कि इनकी रचना स्वयं ब्रम्हदेव ने की है। ऐसा भी कहा जाता है कि इनकी उत्पत्ति ब्रम्हदेव के मुख से हुई है। पुराने जमाने में इन्हें सुनकर ही याद किया जाता है और दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाया जाता था, जिसकी वजह से इन्हें श्रुति भी कहा जाता है। प्रथम तीन वेदों का अलग महत्व है, जबकि अथर्ववेद में भवन निर्माण, आरोग्य आदि से संबंधित बातें बतायीं गई हैं। इसमें भूतों और दुष्ट आत्माओं को भगाने या दूर करने से संबंधित उपाय भी बताए गए हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही आसान उपाय बताने जा रहे हैं...
1. ॐ के महत्व को कभी नकारा नही जा सकता। इसमें बताया गया है कि रुद्राक्ष का अभिमंत्रित ताबीज अपने गले में धारण करें। ऐसा ही प्रतीक घर के दरवाजे पर लगाएं। इसके अतिरिक्त चंदन का तिलक सदैव अपने माथे पर लगा रहने दें।
2. भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी इन सभी से रक्षा करने के लिए जरूरी है शुद्ध घी या सरसों के तेल का दीपक जलाकर थाली में उससे काजल बना लें। ये उपाय दीवाली की रात करना चाहिए। इस काजल को लगाने से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। और किसी की काली, बुरी नजर नही लगती।
3. रात्रि भोजन के पश्चात चांदी के कटोरे में कर्पूर व लौंग जला दें। यह उपाय देवस्थान या किसी पवित्र स्थान पर इससे आकस्मिक आने वाले संकटों से बचेंगे व बुरी शक्तियां दूर रहेंगी। यह उपाय सोने से पूव करें।
4. धतूरे का पौधा पुष्य नक्षत्र में धरती में ऐसा दबाएं कि जड़ वाला हिस्सा ऊपर रहे इससे प्रेत बाधा नही आती एवं परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
5. यह उपाय सरल है अशोक के पेड़ के सात पत्ते मंदिर में रखकर उनकी पूजा करें। उनके सूखने पर नए पत्ते रखें। जो पत्ते सूख गए हैं उन्हें पीपल के पेड़ के नीचे पुनः रख दें। ऐसा करने पर भूत-पिशाच निकट नही आते।
Created On :   26 Dec 2017 4:28 AM GMT