Maha Kumbh 2025: शाही रथ पर बैठी मॉडल हर्षा रिछारिया..अमृत स्नान में शामिल भी हुईं, भड़का विवाद, साधु-संतों ने उठाए सवाल

शाही रथ पर बैठी मॉडल हर्षा रिछारिया..अमृत स्नान में शामिल भी हुईं, भड़का विवाद, साधु-संतों ने उठाए सवाल
  • मॉडल और एक्ट्रेस हर्षा रिछारिया चर्चा में
  • शाही रथ पर बैठने और अमृत स्नान करने को लेकर भड़का विवाद
  • शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप महाराज ने की आलोचना

डिजिटल डेस्क, प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 13 जनवरी से शुरू हुए हिंदू समुदाय के इस सबसे बड़े आयोजन में स्नान करने प्रतिदिन करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं। इस बीच मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया को पहले अमृत स्नान में शामिल कराने और इससे पहले महामंडलेश्वर के शाही रथ पर बिठाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। साधु-संतों ने इस पर सवाल उठाए हैं।

भुगतने होंने परिणाम

शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप महाराज ने इस मामले पर कहा, 'यह उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।'

चेहरे नहीं, मन की खूबसूरती जरुरी – शंकराचार्य

हर्षा रिछारिया के अमृत स्नान और शाही रथ पर बैठने को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में इस तरह की परंपरा शुरु करना बेहद गलत है। यह विकृत मानसिकता का नतीजा है। महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि मन की सुंदरता को देखा जाना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि जो यह तय नहीं कर पाया कि संन्यास की दीक्षा लेनी है या शादी करनी है, उसे संत महात्माओं के शाही रथ पर स्थान देना बिल्कुल उचित नहीं है।

बता दें कि 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी उस समय हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे साध्वी बनने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था।

मैं साध्वी नहीं

शाही रथ में सवार होने के बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं थी। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनकी तारीफ तो कई ने आलोचना की थी। उन्हें सुंदर साध्वी का खिताब दे डाला था। इसके बाद जब हर्षा दोबारा मीडिया के सामने आईं तो उन्होंने कहा- 'मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं।' उन्होंने बताया कि उनने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से दीक्षा ली है, वो उनकी शिष्या हैं।

Created On :   15 Jan 2025 8:58 PM IST

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