व्रत: कल है कूर्म द्वादशी व्रत, जानें पूजा का मुहूर्त एवं महत्व

कल है कूर्म द्वादशी व्रत, जानें पूजा का मुहूर्त एवं महत्व
  • इस दिन श्राद्ध कार्यों से पापों का नाश होता है
  • व्रत रखने से सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं
  • संस्कृत में कूर्म का अर्थ कछुआ होता है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पौष मा​​ह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को कूर्म द्वादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह द्वादशी 23 जनवरी, मंगलवार को मनाई जा रही है। कूर्म द्वादशी भगवान विष्णु के दूसरे अवतार को समर्पित है। कहा जाता है कि, कूर्म द्वादशी के दिन दान, धर्म और श्राद्ध कार्यों से पापों का नाश होता है।

इस दिन को लेकर लोगों की कई सारी मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन पूजा करने और व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत रखने के ​साथ ही भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है। क्या है इस दिन को लेकर मान्यता, मुहूर्त और पूजा विधि? आइए जानते हैं...

महत्व

संस्कृत में कूर्म का अर्थ कछुआ होता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु के दस अवतार हैं, जिनमें से एक कूर्म अवतार भी है। जिनकी पूजा आज के दिन होती है। भगवान विष्णु ने ​कूर्म रूप धारण करके सागर मंथन के समय मंदार पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था, तभी सागर मंथन हो पाया था।

पूजा विधि

सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।

साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल देकर व्रत का संकल्प लें।

कड़ी की चौकी पर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा के साथ भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।

भगवान विष्णु की प्रतिमा के साथ कछुए की एक छोटी मूर्ति पूजा स्थल पर रखनी चाहिए।

पंचामृत से अभिषेक करें।

भगवान को हल्दी और गोपी चंदन का तिलक लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।

इसके बाद तुलसी के पत्ते और पीले फूलों को भगवान विष्णु कोअर्पित करें।

देसी घी क दीया जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण स्तोत्र का पाठ करें।

आरती के साथ पूजा का समापन करें।

पूजा के अंत में सभी प्रसाद वितरण करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   22 Jan 2024 3:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story