ज्येष्ठ स्कंद षष्ठी: संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है ये व्रत, जानें मुहूर्त और पूजा विधि

संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है ये व्रत, जानें मुहूर्त और पूजा विधि
  • इसे संतान षष्ठी या कंडा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है
  • भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा की जाती है
  • महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti) के रूप में माना जाता है। इसे संतान षष्ठी या कंडा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। ज्येष्ठ मास की स्कंद षष्ठी 12 जून 2024, बुधवार को है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।

दक्षिण भारत में स्कंद को भगवान गणेश का छोटा भाई और उत्तर भारत में बड़ा भाई माना जाता है। वहीं स्कंद षष्ठी को लेकर मान्यता है कि, विवाहित जोड़े जिनके कोई संतान नहीं है, वे इस दिन भगवान मुरुगन की पूजा अर्चना करते हैं तो उन्हें संतान सुख और बच्चों के खुशहाल और स्वस्थ जीवन मिलता है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

तिथि कब से कब तक

षष्ठी तिथि आरंभ: 11 जून 2024, मंगलवार शाम 5 बजकर 27 मिनट से

षष्ठी तिथि समापन: 12 जून 2024, बुधवार शाम 7 बजकर 17 मिनट तक

पूजा विधि

- इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और नित्यक्रमादि से निवृत होकर स्नान करें।

- साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाने के बाद व्रत का संकल्प लें।

- घर में पूजा के स्थान को साफ करें और मंदिर में दीपक जलाएं।

- एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर इस पर भगवान गणेश और भगवान मुरुगन की प्रतिमा स्थापित करें।

- भगवान गणेश और भगवान मुरुगन का गंगाजल से अभिषेक करें।

- भगवान गणेश और भगवान मुरुगन का ध्यान करें और मंत्र का जप करते हुए पूजा प्रारंभ करें

- भगवान को फूल, चंदन, कुमकुम, फल और दूध को अर्पित करें।

- भगवान कार्तिकेय को बूंदी के लड्डू बहुत पसंद है, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। साथ ही उन्हें केसर का भोग लगाएं।

- संतान सुख के लिए कार्तिकेय भगवान की पूजा करने के साथ उन्हें नीले रंग के कपड़े अर्पित करें।

- पूजा के समय व्रत कथा पढ़ना बिल्कुल भी न भूलें।

- अब भगवान की आरती करें और पश्चात् भोग सामग्री अर्पित करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   10 Jun 2024 2:44 PM IST

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