हरियाली अमावस्या: जानिए क्यों खास है इस बार हरियाली अमावस्या, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

हरियाली अमावस्या: जानिए क्यों खास है इस बार हरियाली अमावस्या, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अमावस्या का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है, जो कि हर माह के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन कहलाता है। सावन माह में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या श्रावण अमावस्या कहा जाता है, इसके अलावा इसे देश के अलग- अलग राज्यों में चितलगी अमावस्या, चुक्कल अमावस्या, गतारी अमावस्या आदि नामों से जाना जाता है। यह दिन पितरों के श्राद्ध के लिए शुभ माना जाता है। वहीं इस बार हरियाली अमावस्या कई मायनो में काफी खास है, क्योंकि इस बार हरियाली अमावस्या के साथ सावन का दूसरा सोमवार है।

इस साल हरियाली अमावस्या 17 जुलाई, सोमवार को पड़ रही है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या तिथि को सोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि, इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से घर में सुख, शांति और धन- संपदा आती है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ समय और इस दिन किए जाने वाले मुख्य कार्यों के बारे में...

वृक्ष पूजा और पितृ तर्पण

हरियाली अमावस्या के दिन वृक्ष पूजा भी की जाती है, कहा जाता है कि वृक्ष में देवी- देवताओं का वास होता है। साथ ही मानसून के लिए प्रार्थना करते हैं, जिससे खेती में कोई परेशानी न आये। वहीं इस दिन पितरों के आत्माओं की शांति के लिए पितृ तर्पण किया जाता है। पितरों का प्रिय भोजन बनाकर ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाने का विशेष महत्व है। इसी के साथ पितरों के नाम से दान पुण्य करने से वे आपसे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।

शुभ मुहूर्त

तिथी का आरंभ: 16 जुलाई 2023 रात 10 बजकर 08 मिनट से

तिथी का समापन: 17 जुलाई 2023 दोपहर 12 बजकर 01 मिनट तक

करें ये काम

- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नान करें, संभव हो तो किसी नदी में स्नान करें।

- मंत्र का जाप करते हुये भगवान शिव का दूध और जल से अभिषेक करें।

- अभिषेक के पश्चात् बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि भगवान शिव को अर्पित करें।

- इस दिन पीपल के पेड़ को सुबह- शाम जल अर्पित करें।

- इस दिन खासतौर से कपड़े, अनाज और जल का दान किया जाता है।

- इस दिन तुलसी, पीपल, आंवला, अशोक, वट, केला, नींबू आदि का वृक्षारोपण करना बहुत शुभ माना गया है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   15 July 2023 5:37 PM IST

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