हरियाली अमावस्या 2024: कई साल बाद बन रहे हैं ये शुभ संयोग, जानिए स्नानदान का मु​हूर्त और पूजा विधि

कई साल बाद बन रहे हैं ये शुभ संयोग, जानिए स्नानदान का मु​हूर्त और पूजा विधि
  • इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा की जाती है
  • हरियाली अमावस्या पर शिवशक्ति की पूजा होती है
  • इस बार 148 सालों के बाद बन रहे शुभ संयोग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में अमावस्या ​तिथि का अत्यधिक महत्व है। इस दिन श्रद्धालु अपने पितृों को श्राद्ध देते हैं। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन पिण्ड दान करने से पितृ दोष से शांति मिलती है। वहीं सावन मास की अमावास्या बेहद खास मानी जाती है, इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इसे श्रावणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष यह अमावस्या 04 अगस्त, रविवार को पड़ रही है।

हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस 148 सालों के बाद काफी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस समय कोई भी काम करने से आपको कई गुना अधिक फल मिलता है। साथ ही पितरों की शांति के लिए पूजा पाठ करने से सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं पूजा का मुहूर्त और विधि...

स्नान दान का मुहूर्त

अमावस्या तिथि के दिन स्नान दान का विशेष महत्व बताया गया है। लेकिन, हरियाली अमावस्या पर इसके लिए आपको बेहद कम समय मिलने वाला है। ज्योतिषियों के अनुसार, अमावस्या पर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान ब्राम्ह मुहूर्त में ही करना चाहिए। इस बार स्नानदान का समय 04 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 02 मिनट तक है।

पूजा विधि

- यदि आप अमावस्या पर व्रत कर रहे हैं तो सूर्यादय से पूर्व उठें।

- नित्यक्रम और स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्य देव का जल चढ़ाएं।

- अब व्रत का संकल्प लें और पूजा का स्थान साफ करें और गंगा जल छिड़कें।

- भगवान शिव एवं शिव परिवार की विधिवत् पूजा करें।

- पूजा घर में कलश रखें और दीपक प्रज्वलित करें।

- शिवलिंग का अभिषेक करें।

- स्नान के बाद भगवान को कुमकुम, चंदन, भस्म अर्पित करें।

- माता पार्वती को सिंदुर एवं गणपति जी को दूब अर्पित करें।

- भगवान को फूल बेल पत्र आदि अर्पित कर भलेनाथ की धूप- दीप से आरती करें।

- आरती के बाद भगवान को शुद्ध भोग अर्पित करें और प्रार्थना करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   3 Aug 2024 8:30 AM GMT

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