भाईदूज 2023: जानें क्यों मनाया जाता है ये पर्व, क्या है तिलक की सही विधि

जानें क्यों मनाया जाता है ये पर्व, क्या है तिलक की सही विधि
भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता यह पर्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली इस वर्ष 12 नवंबर, रविवार को मनाया जा रहा है। त्योहार पूरे 5 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और भाई दूज के दिन ये महापर्व समाप्त हो जाता है। इस वर्ष भाईदूज का पर्व मंगलवार, 14 नवंबर को मनाया जा रहा है। भाई दूज या भ्रातृ द्वितीया का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। ये दिन भाई-बहनों को समर्पित होता है। भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता एक पर्व है।

माना जाता है कि, भारतीय काल गणना सतयुग से शुरू होती है। इस युग में पहली बार दिवाली पर्व मनाया गया था, इसके बाद आए त्रेता और द्वापर युग में राम और कृष्ण के साथ इसमें नई घटनाएं जुड़ती गईं और यह पांच दिन का पर्व बन गया।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार भगवान सूर्य के तेज को सहन न कर पाने के कारण उनकी पत्नी संध्या उन्हें छोड़कर मायके चली गई थी। और अपने बच्चों के पास अपनी प्रतिकृति छाया को छोड़ गईं। यमराज और यमुना मां के प्यार से वंचित रहे। युमना की शादी के बाद यमराज बहन के बुलाने पर यम द्वितीया के दिन उनके घर पहुंचे। भाई की आने की खुशी में यमुना ने अपने भाई यमराज का खूब सत्कार किया। यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया। तब से हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। खूब सत्कार किया यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया। तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।

कैसे करें तिलक

- सुबह सूर्योदय के साथ ही स्नानादि से निवृत्त होने के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।

- इसके बाद पूजा के स्थान को साफ करें और पूजा की तैयारी करें।

- भाई घर पर है तो उसके लिए खाना बनाएं और यदि भाई घर से बाहर है तो उसे भोजन के लिए आमंत्रित करें।

- पूजा की थाली में रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई, सुपारी या सूखा गोला आदि रखें।

- पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश और विष्णु जी को तिलक करें।

- अब चावल का चौक पूरकर लकड़ी के पाट पर भाई को उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख करके बैठाएं।

- अब कुमकुम का टीका कर उसपर चावल लगाएं और कलावा बांधें।

- अब भाई का मुंह मीठा कराएं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   11 Nov 2023 11:13 PM IST

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