Bagalamukhi Jayanti 2024: इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, होगा शत्रुओं को नाश
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती (Bagalamukhi Jayanti) मनाई जाती है। इस वर्ष यह जयंती 15 मई 2024, बुधवार यानि कि आज है। देवी मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं में से एक हैं। माना जाता है कि, जो लोग इस दिन उपवास रखते हैं और सच्चे मन से देवी बगलामुखी की आराधना करते हैं, उन्हें धन-वैभव का आशीर्वाद मिलता है।
मां की विशेष पूजा-अर्चना से भक्तों की कभी पराजय नहीं होती और शत्रुओं का नाश होता है। साथ ही जीवन में कभी भी किसी तरह की परेशानी नहीं रहती। वहीं तांत्रिक पद्धति से की गई मां बगलामुखी की पूजा त्वरित और तीव्र परिणाम देती है। आइए जानते हैं इस तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और पूजा विधि के बारे में...
मां बगलामुखी हवन सामग्री
इनके हवन में पिसी हुई शुद्ध हल्दी, मालकांगनी, काले तिल, गूगल, पीली हरताल, पीली सरसों, नीम का तेल, सरसों का तेल, बेर की लकड़ी, सूखी साबुत लाल मिर्च आदि का उपयोग किया जाता है।
मां बगलामुखी पूजन विधि
- प्रातः काल उठकर नित्य कर्मों से निवृत होकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार व्रती को साधना अकेले मंदिर में अथवा किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर माता बगलामुखी की पूजा करनी चाहिए।
- ध्यान रखें पूजा की दिशा पूर्व में होना चाहिए।
- पूर्व दिशा में उस स्थान को जहां पर पूजा करना है, उसे सर्वप्रथम गंगाजल से पवित्र कर लें। - इसके बाद उस स्थान पर एक चौकी रखकर उस पर माता बगलामुखी की प्रतिमूर्ति को स्थापित करें।
- इसके बाद आचमन कर हाथ धोएं, आसन पवित्र करें।
- माता बगलामुखी व्रत का संकल्प हाथ में पीले चावल, हरिद्रा, और पीले फूल तथा दक्षिणा लेकर करें।
- माता की पूजा धूप, दीप, अगरबत्ती और विशेष पीले फल, पीले फूल, पीले लड्डू का प्रसाद चढ़ाकर करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   15 May 2024 4:28 PM IST