अखुरथ संकष्टी चतुर्थी: साल की आखिरी चतुर्थी पर इस विधि से करें बप्पा की पूजा, संकट होंगे दूर
- व्रती द्वारा रात के समय चंद्र देव की पूजा की जाती है
- व्रत से सौभाग्य और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। वहीं पौष माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत करता है और पूरे विधि विधान से बप्पा की पूजा करता है उसे कष्टों से मुक्ति मिलती है। यही नहीं, चतुर्थी का व्रत रखने पर सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना भी पूरी होती है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 30 दिसंबर, 2023 शनिवार को रखा जाएगा।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। यानि कि जो भी व्यक्ति व्रत रखते हैं उन्हें रात के समय चंद्र देव की पूजा करना चाहिए। पूजा के दौरान चंद्रमा को जल अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व..
पूजा का शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 30 दिसंबर 2023, शनिवार सुबह 9 बजकर 43 मिनट से
तिथि समापन: 31 दिसंबर 2023, रविवार सुबह 11 बजकर 55 मिनट तक
पूजन विधि
- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- पूजाघर की सफाई करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
- शाम के समय चंद्रमा के निकलने पर उन्हें अर्घ्य देते हुए गणेश वंदना और पाठ करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   29 Dec 2023 12:40 PM IST