कंझावला हाईप्रोफाईल केस से समझिए, एक्सीडेंट के समय खुद गाड़ी में न बैठा हो कार का मालिक फिर भी होगी सजा, जाने कब-किस स्थिति में मिलती है सजा या राहत

Understand from the Kanjhawala high profile case, can the car owner come under the grip of the law after an accident with the driver, know under what circumstances relief can be obtained.
कंझावला हाईप्रोफाईल केस से समझिए, एक्सीडेंट के समय खुद गाड़ी में न बैठा हो कार का मालिक फिर भी होगी सजा, जाने कब-किस स्थिति में मिलती है सजा या राहत
कंझावला हिट एंड रन केस कंझावला हाईप्रोफाईल केस से समझिए, एक्सीडेंट के समय खुद गाड़ी में न बैठा हो कार का मालिक फिर भी होगी सजा, जाने कब-किस स्थिति में मिलती है सजा या राहत
हाईलाइट
  • दीपक और अमित 31 दिसंबर के शाम 7 बजे आकर गाड़ी ले गए थे

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दिल्ली के कंझावला में अंजली के साथ ऐसी बर्बरता हुई, जिसने सभी को हैरान कर के रख दिया है। किसी भी सभ्य समाज में इसकी स्वीकृति नहीं हो सकती है। दिल्ली पुलिस के जांच के मुताबिक, पांचो आरोपियों में से किसी की भी कार नहीं है। जिससे युवती को करीब 12 किमी तक घसीटा गया था। जिसकी वजह से लड़की की मौत हो गई थी। जांच के दौरान पता चला है कि गाड़ी का मालिक एक लोकेश नाम का युवक है।  

दिल्ली पुलिस के अनुसार, जब लोकेश से पुछताछ की गई तो उसका कहना था कि मैने कार को अपने जीजा आशुतोष को दिया था। जब पुलिस ने लोकेश के जीजा से संपर्क किया और पुछताछ की तो उसने बताया कि मैने अपने दोस्त दीपक खन्ना और अमित खन्ना को दिया था। आशुतोष ने पुलिस को बताया कि मेरे पास से दीपक और अमित 31 दिसंबर के शाम 7 बजे आकर गाड़ी ले गए थे। हालांकि, सवाल उठता है कि क्या कार मालिक लोकेश भी कानून के गिरफ्त में होगा। क्या उसे भी आरोपी बनाया जाएगा? क्या आपको पता है कि कार कोई ओर ड्राइव कर रहा हो और उस वाहन से किसी का एक्सीडेंट हो जाए तो क्या कार मालिक पर भी कार्रवाई हो सकती है? इस पूरे मामले से जुड़े कुछ ऐसे तथ्थों पर बात करते है, जो हर किसी को जानना जरूरी है। 

कब हो सकती है जमानत?

एबीपी न्यूज से इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील दिलीप पटेल ने इस पूरे मुद्दे पर बातचीत की है। पटेल ने बताया कि "अगर किसी कार एक्सीडेंट में विक्टिम की मौत हो जाती है तो ऐसे में कार चलाने वाले शख्स पर धारा 304ए लगती है। यह धारा जमानती प्रकृति की है इसमें केवल ड्राइवर जो वाहन को चला रहा होता है वही अभियुक्त होता है"। उन्होंने आगे कहा कि "आईपीसी की धारा 304 ए के तहत जल्दबाजी में, उतावलेपन में कोई ऐसा कार्य करना, जिससे किसी व्यक्ति की हत्या हो जाए। इसके तहत भी सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल, जुर्माना, या जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है। ये जमानती धाराएं हैं। मजिस्ट्रेट इस मामले की सुनवाई कर सकते हैं। साथ ही इसमें जमानत के लिए अर्जी भी लगाई जा सकती है"। 

सवाल-जवाब हो सकता है कार मालिक से

दिलीप पटेल ने बताया कि अगर दु्र्घटना में विक्टिम की मौत हो जाती है तो वाहन मालिक के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं होता है। पटेल ने कहा कि "अगर आपने अपनी कार किसी दोस्त को दिया है और वह एक्सीडेंट कर देता है तो दुर्घटना क्लेम में मोटर मालिक और बीमा कंपनी जिम्मेदार होंगे। हालांकि, अगर कोई एक्सीडेंट होता है तो पुलिस नोटिस भेजकर कार मालिक को पूछताछ के लिए बुला सकती है। पुलिस कार के मालिक से कार से हुए हादसे और किसी और को कार देने का कारण आदि को लेकर सवाल पूछ सकती है"

कब हो सकता है कार मालिक पर सजा?

अगर एक्सीडेंट के बाद अगर ड्राइवर फरार हो जाता है तो किसी प्रकार का मालिक पर कोई एफआईआर नहीं होता है। वहीं गाड़ी चालक एक्सीडेंट करके वाहन को छोड़ कर भाग जाता है, तो हादसे की पूरी जिम्मेदारी और दोषी उसे ही माना जाता है। फरार होने पर गाड़ी की बिमा समेत अन्य दास्तवेज होने के बावजूद उसका लाभ नहीं उठा सकते हैं। वहीं नए मोटर-व्हीकल एक्ट के तहत वाहन चालक ही पूरी तरह से दोषी माना जाता है।  हालांकि, गाड़ी का मालिक वाहन चलते समय बैठा हो भले वो कार ड्राइव न करे लेकिन कोई दुर्घटना होती है तो उस पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो सकता है। अगर वो दोषी पाया जाता है तो गाड़ी के मालिक पर आरोपियों जितनी ही सजा हो सकती है।

कौन चला रहा था कार?

कंझावला मामले की बात करे तो शुरूआत जांच में पता चला कि कार को दीपक नाम का एक आरोपी ड्राइव कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने बीते गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि इस मामले में पांच नहीं सात आरोपी हैं। पुलिस के मुताबिक, दीपक नहीं बल्कि अमित गाड़ी को चला रहा था। अमित के भाई के कहने पर ही दीपक ने पुलिस को बताया था कि मैं कार को ड्राइव कर रहा था, क्योंकि अमित के पास ड्रावरी लाइसेंस नहीं था।

आखिर पूरा मामला है क्या?

31 दिसंबर की रात को इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना राजधानी दिल्ली में घटी। दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में देर रात अंजली अपने दोस्त के साथ स्कूटी से जा रही थी। इसी बीच एक गाड़ी आकर स्कूटी को टक्कर मारती है। टक्कर होने पर दोनों युवती घायल हो जाती हैं, लेकिन अंजली का पैर कार के एक्सल में फंस जाता है। गाड़ी को बिना रोके सभी युवक तेज रफ्तार कार में निकल जाते हैं।

पुलिस के जांच में पता चला है कि पांच नहीं बल्कि पूरे सात आरोपी हैं। जिनमे से एक को दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया है। वहीं कार में फंसे होने के बाद करीब 12 किमी तक युवती को घसीटा था। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। कार सवार आरोपियों ने कंझावला सड़क पर जोंटी गांव के पास गाड़ी ले जाकर देखा तो पाया कि उनके कार में एक युवती फंसी हुई है। आरोपियों ने गाड़ी से युवती को निकाल कर उसी स्थान पर फेंक दिया और वहां से सभी आरोपी फरार हो गए। पुलिस को जब अंजली का शव मिला तब उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था।   

Created On :   6 Jan 2023 11:06 AM GMT

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