मुरुगा मठ की सदियों पुरानी विरासत पर सेक्स स्कैंडल का धब्बा

Sex scandal stains Muruga Maths age-old legacy
मुरुगा मठ की सदियों पुरानी विरासत पर सेक्स स्कैंडल का धब्बा
कर्नाटक मुरुगा मठ की सदियों पुरानी विरासत पर सेक्स स्कैंडल का धब्बा

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। चित्रदुर्ग मुरुघा मठ के शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू से जुड़ा कथित सेक्स स्कैंडल मठ के इतिहास में एक धब्बा बनने जा रहा है, जिसे आजादी से पहले के लोगों और शासकों ने समान रूप से सम्मानित किया था। दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में मुख्य आरोपी मुरुगा शरणारू की गिरफ्तारी से मठ का अनुसरण करने वाले लाखों श्रद्धालु हैरान हैं।

हमेशा भक्तों की भीड़ से गुलजार रहने वाला मठ का परिसर अब एक पुलिस छावनी में बदल गया है। कथित सेक्स स्कैंडल का पदार्फाश करने वाले एनजीओ ओडानाडी के संस्थापकों में से एक परशु ने कहा कि आरोपी द्रष्टा खवी (आध्यात्मिक पोशाक) के पीछे छिप रहा था।

भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने कहा कि वह ऐसी संस्कृति से आते हैं, जो आध्यात्मिक गुरुओं की विरासत का सम्मान करती है। वह सोच भी नहीं सकते हैं कि मठ के संत पर दुष्कर्म का आरोप है। उन्होंने कहा, गुरु मेरे लिए भगवान के समान हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक बसवराज सुलिभवी ने दावा किया कि यह घोटाला लिंगायतों की विरासत को नष्ट करने का एक प्रयास है।

उन्होंने कहा, वीरशैव-लिंगायत और लिंगायत-हिंदू धर्म पर बहस को इस समय ध्यान से देखा जाना चाहिए। लिंगायत आंदोलन और एक स्वतंत्र धर्म के रूप में इसकी संरचना के खिलाफ हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मामला अब केवल मामला नहीं रह गया है। यह राजनीति का हिस्सा बन गया है।

सुलिभवी ने कहा, लिंगायत दर्शन पुरुष और महिला के बीच कोई अंतर नहीं देखता है। रूढ़िवादी हिंदू सिद्धांतों द्वारा महिलाओं पर लगाए गए बंधनों को तोड़कर, लिंगायत परंपरा ने महिलाओं को देश में पहली बार बोलने की शक्ति दी। उन्होंने कहा, ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में मठों की अवधारणा लिंगायत परंपरा नहीं है।

लिंगायत परंपरा प्रकृति के करीब है। कई लिंगायत मठ हैं जो विवाहित धार्मिक संतों द्वारा चलाए जाते हैं। यह वह धर्म है जो स्त्री और पुरुष के मिलन और एकीकरण का प्रचार करता है। इस प्राकृतिक सिद्धांत के खिलाफ जाने से समस्याएं पैदा हो गई हैं। ऐतिहासिक रूप से, मुरुघा मठ चित्रदुर्ग में स्थित एक प्रमुख लिंगायत मठ है। मठ की स्थापना 1703 में हुई थी।

यह तीन शताब्दियों से सांस्कृतिक, धार्मिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में योगदान दे रहा है। मौजूदा समय में, मठ द्वारा 150 से अधिक आध्यात्मिक और शैक्षणिक संस्थान चलाए जा रहे हैं। देशभर में इसकी 3,000 शाखाएं हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में इस मठ के दौरे पर कहा था कि उन्हें उत्पीड़ित वर्गो को सशक्त बनाने के लिए मठ की परंपरा और विरासत पसंद है।

उन्होंने यह भी बताया था कि यह मठ किस तरह उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी और उनकी दिवंगत दादी इंदिरा गांधी के लिए प्रेरणास्रोत था। दिलचस्प बात यह है कि जब अधिकांश लिंगायत मठों और संतों की पहचान सत्तारूढ़ भाजपा से करीबी रिश्ता रखने वालों के रूप में होती है, ऐसे में मुरुगा शरणारू ने कांग्रेस से करीबी रिश्ता रखने वाले की पहचान बनाने का फैसला किया।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   4 Sept 2022 10:30 AM IST

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