पंजाब: आतंकियों से लोहा लेने वाले शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या, परिवार को आतंकियों पर ही शक

Punjab: Shaurya Chakra Winner Comrade Balwinder Singh Shot Dead At Taran Taran Of Amritsar
पंजाब: आतंकियों से लोहा लेने वाले शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या, परिवार को आतंकियों पर ही शक
पंजाब: आतंकियों से लोहा लेने वाले शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या, परिवार को आतंकियों पर ही शक

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के तरनतारन में सिख आतंकवाद से डटकर लोहा लेने वाले और बहादुरी के लिए शौर्य पुरस्कार से सम्मानित बलविंदर सिंह भिखीविंड की अज्ञात हमलावारों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना राज्य के तरण तारण जिले की है। बलविंदर को उनके होमटॉउन भिखीविंड में सुबह 7 बजे प्वांइट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई। उन्हें पांच गोली मारी गई। यह स्थान तरण तारण शहर से 35 किलोमीटर दूर है, जहां 80 और 90 के दशक में आतंकवाद चरम पर था। उन्हें 1993 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। जब राज्य में सिख आतंकवाद चरम पर था, बलविंदर कई हमलों में बाल-बाल बच गए थे।

बलविंदर का घर भिखीविंड कस्बे में है। शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे बाइक पर 2 लोगों ने बलविंदर का दरवाजा खटखटाया। बलविंदर ने गेट खोला तो एक हमलावर घर में ही बने ऑफिस में आ गया और बलविंदर पर 4 राउंड फायर कर भाग गया। घटना के बाद उन्हें नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधीक्षक जगजीत वालिया ने कहा कि हमलावर एक चार-पहिया वाहन में आए थे। बलविंदर रिवोल्यूशनरी मार्किस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (आरएमपीआई) के जिला समिति सदस्य थे। वह अपनी बहादुरी के लिए पूरी दुनिया में विख्यात थे और एक बार उन्हें नेशनल जियोग्राफिक डॉक्यूमेंट्री में भी दिखाया गया था। 

आधा घंटा देरी से पहुंची पुलिस 
घटनास्थल से पुलिस थाना भिखीविंड 600 गज की दूरी पर है। इसके बावजूद पुलिस सूचना मिलने के करीब आधे घंटे बाद मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंची थाना भीखीविंड की पुलिस और एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले ने बलविंदर सिंह के शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच आरंभ कर दी है। जब एसएसपी घटनास्थल पर पहुंचे तो मृतक के पारिवारिक सदस्यों और साथियों ने पंजाब पुलिस के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए। बाद में मौके पर डीएसपी राजबीर सिंह भी पहुंचे। 

पंजाब पुलिस ने वापस ले ली थी सुरक्षा 
गांव के सरपंच राजेंद्र सिंह ने बताया कि बलविंदर सिंह पर पहले भी कई बार हमला हो चुका है। उनको पंजाब पुलिस की तरफ से जो सुरक्षा दी गई थी, वह वापस ले ली गई थी। आईजी सुरेंद्र सिंह परमार और पंजाब पुलिस के अधिकारियों को चिट्ठी भेजकर और व्यक्तिगत मुलाकात कर फिर से सुरक्षा देने की गुजारिश भी की गई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। कुछ समय पहले दो दिन के लिए बलविंदर को एक पुलिस कर्मचारी दिया गया था जिसे बाद में वापस बुला लिया गया। सरपंच ने बलविंदर सिंह की मौत के लिए पंजाब पुलिस को जिम्मेदार बताया। 

भाई ने कहा- इस हमले के पीछे आतंकी हो सकते हैं
बलविंदर के भाई रणजीत सिंह ने संदेह जताया है कि इस हमले के पीछे आतंकी हो सकते हैं। पुलिस अधिकारी अभी इस बारे में कुछ भी नहीं बता रहे हैं। पुलिस पर ढिलाई बरतने का भी आरोप है। परिवार के मुताबिक, हमले की जानकारी दिए जाने के आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जबकि थाना घर के पास ही है।

सरकार ने SIT को जांच सौंपी
वहीं मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस हत्या की सभी कोणों से जांच के लिए डीआइजी फिरोजपुर की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (SIT) का गठन करने का आदेश दिया है। एसआईटी ने केस को सुलझाने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार स्पेशल टीम गठित कर दी हैं। एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले ने कहा कि CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। घटना वाले क्षेत्र से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि दो हमलावारों में से एक पीड़ित के घर घुसता है और बलविंदर सिंह पर गोली चलाता है।

2017 में भी बलविंदर पर हमला हुआ था
बलजिंदर के गांव के सरपंच राजेंद्र सिंह ने बताया कि बलविंदर को पंजाब पुलिस की तरफ से सिक्योरिटी दी गई थी, लेकिन बाद में हटा ली गई। इसके बाद आईजी सुरेंद्र सिंह परमार और पंजाब पुलिस के अधिकारियों को चिट्ठियां भेजकर और मुलाकात कर फिर से सिक्योरिटी देने की गुजारिश भी की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बलजिंदर ने सरकार के फैसले का विरोध किया था, क्योंकि उन पर पहले भी हमला हो चुका था। 2017 में अज्ञात हमलावरों ने उनके घर पर कई राउंड गोलियां चलाई थीं।

बलविंदर पर 42 बार हमले हुए थे
पंजाब में जब आतंकवाद चरम सीमा पर था, तो बलविंदर सिंह पर 42 बार हैंड ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर से हमले हुए थे। हर बार बलविंदर ने आतंकियों से लोहा लिया था। उन्होंने कई आतंकियों को तब मार गिराया था। इसके बाद बलविंदर को 1993 में राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उनके साथ पत्नी जगदीप कौर, भाई रणजीत सिंह और भूपिंदर सिंह को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। बलविंदर के जीवन पर दूरदर्शन पर प्रसारित "पंजाब एक यात्रा" व अन्य कई टेलीफिल्म भी बनी थी। वे अपने घर के पास ही एक स्कूल चलाते थे।

Created On :   16 Oct 2020 9:37 PM IST

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