नाबालिग आरोपियों को भी वयस्कों के बराबर सजा दिलाना चाहती है पुलिस, जुवेनाइल बोर्ड से करेगी अपील

Hyderabad gang rape: Police wants to give equal punishment to the minor accused as adults, will appeal to Juvenile Board
नाबालिग आरोपियों को भी वयस्कों के बराबर सजा दिलाना चाहती है पुलिस, जुवेनाइल बोर्ड से करेगी अपील
हैदराबाद गैंगरेप नाबालिग आरोपियों को भी वयस्कों के बराबर सजा दिलाना चाहती है पुलिस, जुवेनाइल बोर्ड से करेगी अपील

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। हैदराबाद पुलिस जुबली हिल्स सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपियों को भी वयस्कों के बराबर सजा दिलाना चाहती है। पुलिस वयस्कों के रूप में उनके मुकदमे की अनुमति देने के लिए किशोर न्याय बोर्ड से अपील करने की योजना बना रही है। एक कार में 17 वर्षीय लड़की के सामूहिक दुष्कर्म के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश देखने को मिला है और लोग दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।

इस बीच पुलिस बोर्ड से अनुरोध करने के लिए एक याचिका दायर करने की योजना बना रही है कि मामले में पांच किशोरों के लिए वयस्कों के तौर पर सुनवाई की अनुमति दी जाए।

इस मामले के छह आरोपियों में से केवल एक सदुद्दीन मलिक बालिग है और वही प्रमुख आरोपी है और पुलिस ने गुरुवार को उसे आगे की पूछताछ के लिए तीन दिन की हिरासत में ले लिया है। पुलिस सभी नाबालिगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग करते हुए उन्हें बालिग मानने के लिए याचिका दायर करने की भी योजना बना रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि आरोपी के कड़ी सजा से बचने की संभावना न रहे।

पुलिस कथित तौर पर 2015 में किशोर न्याय अधिनियम में किए गए एक संशोधन को बोर्ड के ध्यान में लाने की योजना बना रही है। इसमें गंभीर प्रकृति के ऐसे आपराधिक मामलों का भी हवाला दिया जाएगा, जहां अदालत ने 18 साल से कम उम्र के आरोपियों को सबसे कठोर सजा सुनाई है।

लड़की का यौन शोषण करने वाले पांच आरोपियों में से चार की उम्र 16-17 साल है। छठा आरोपी जिस पर केवल छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है, उसकी उम्र 17 साल 11 महीने है। वह मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के एक विधायक का बेटा है। सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में चार नाबालिगों में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता का बेटा शामिल है।

नेता सरकार द्वारा संचालित एक निकाय का अध्यक्ष भी है। दो अन्य ग्रेटर हैदराबाद और संगारेड्डी में नगरसेवकों के बेटे बताए जा रहे हैं। अन्य आरोपी भी संपन्न और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवारों से हैं। इस बीच, टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने पुलिस के रुख का स्वागत और समर्थन किया है।

उन्होंने ट्वीट किया, अगर आप दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को करने के लिए पर्याप्त वयस्क हैं, तो आपको वयस्क के तौर पर ही दंडित किया जाना चाहिए, न कि किशोर के तौर पर। विभिन्न स्थानों से एकत्र सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

पांचों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म), 323 (चोट पहुंचाना), धारा 5 (जी) (बच्चों के खिलाफ सामूहिक तौर पर यौन अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा भी जोड़ी गई है और अपहरण करने एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सी. वी. आनंद ने कहा कि आरोपी को कम से कम 20 साल की सजा तो होगी ही और उसे मृत्यु होने तक आजीवन कारावास या यहां तक कि मौत की सजा भी हो सकती है। छठा चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विद लॉ (सीसीएल) दुष्कर्म में शामिल नहीं था, लेकिन उसने कार में पीड़िता को चूमा था। इसलिए उस पर आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 323 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 9 (जी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस अपराध के लिए उसे 5-7 साल की कैद की सजा सुनाई जा सकती है।

सोर्स: आईएएनएस 

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Created On :   9 Jun 2022 2:30 PM GMT

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