जांच के लिए आरोपियों से लिए जाएंगे डीएनए सैंपल

Hyderabad gang rape: DNA samples will be taken from the accused for investigation
जांच के लिए आरोपियों से लिए जाएंगे डीएनए सैंपल
हैदराबाद गैंगरेप जांच के लिए आरोपियों से लिए जाएंगे डीएनए सैंपल

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। जुबली हिल्स सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों से डीएनए नमूने एकत्र किए जाएंगे और विश्लेषण के लिए फोरेंसिक लैब भेजे जाएंगे। हैदराबाद पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। 28 मई की घटना की जांच तेज करने वाली पुलिस को शहर की एक अदालत और किशोर न्याय बोर्ड से मामले के छह में से पांच आरोपियों से नमूने लेने की अनुमति मिली थी।

चार नाबालिगों सहित पांच आरोपियों की डीएनए प्रोफाइलिंग की जाएगी। शहर के एक विधायक के बेटे पांचवें नाबालिग पर सिर्फ छेड़छाड़ का आरोप है। किशोर गृह में बंद चार नाबालिगों और चंचलगुडा केंद्रीय कारागार में बंद मामले के एकमात्र प्रमुख आरोपी सादुद्दीन मलिक से डीएनए नमूने एकत्र किए जाएंगे।

सनसनीखेज मामले की जांच में डीएनए मिलान को महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसने इस महीने की शुरूआत में राज्य को हिलाकर रख दिया था और राष्ट्रीय आक्रोश पैदा कर दिया था। पुलिस आरोपी के खिलाफ एक मजबूत मामला बनाने के अपने प्रयासों के तहत सभी तकनीकी साक्ष्य जुटाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जांचकर्ता पहले ही इनोवा वाहन से सुराग जुटा चुके हैं जिसमें पांच आरोपियों ने 17 वर्षीय पीड़िता का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था।

डीएनए परीक्षण के परिणाम पुलिस को वाहन से मिले सुरागों से मिलान करने में मदद कर सकते हैं। अदालत में यह साबित करना महत्वपूर्ण होगा कि सरकारी वाहन एसयूवी में ही सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित नाबालिगों में से एक सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता और सरकार द्वारा संचालित निकाय के अध्यक्ष का बेटा है। कथित तौर पर उन्हें आधिकारिक कर्तव्यों के लिए एसयूवी आवंटित की गई थी।

यदि आवश्यक होता है तो जांचकर्ता पीड़िता से भी डीएनए नमूने एकत्र कर सकते हैं, जिन्होंने पहले ही पुलिस और अदालत को अपना बयान दिया है। किशोर न्याय बोर्ड ने पिछले हफ्ते नाबालिगों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था, बोर्ड पुलिस के इस तर्क से सहमत था कि अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए, उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

पुलिस ने अदालत को बताया कि चूंकि मामला जांच के चरण में है, अगर नाबालिगों को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। अदालत को यह भी बताया गया कि नाबालिगों के माता-पिता, जो समाज में प्रभावशाली पदों पर हैं, जांच में बाधा डालने का प्रयास कर सकते हैं।

इस महीने की शुरूआत में जुबली हिल्स में 28 मई को एक कार में 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने एक बार में दिनभर पार्टी करने के बाद पीड़िता को अपने जाल में फंसाया था और लिफ्ट देने के बाद उसका कथित तौर पर यौन शोषण किया था।

पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और सीन रिकंस्ट्रक्शन (सांकेतिक रूप से अपराध का दृश्य दोहराया) को अंजाम दिया। सामूहिक दुष्कर्म में शामिल पांच आरोपियों का पौरुष परीक्षण (यौन क्षमता जानने के लिए टेस्ट) कराया गया। परीक्षण ने स्थापित किया कि वे यौन कृत्यों में शामिल होने में सक्षम हैं।

सउद्दीन मलिक और चार नाबालिगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म) के अलावा अन्य कई धाराओं और पॉक्सो के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी को कम से कम 20 साल की सजा या मौत तक आजीवन कारावास या मौत की सजा भी हो सकती है।

जांच में पाया गया है कि छठा नाबालिग रेप में शामिल नहीं था लेकिन उसने कार में पीड़िता को किस किया। उस पर आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 323 और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे 5-7 साल की कैद हो सकती है।

सोर्स: आईएएनएस

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Created On :   27 Jun 2022 8:01 PM IST

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