हंसखाली कांड के गवाहों की सुरक्षा के लिए याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई संभव

Hearing possible in Calcutta High Court on petition for protection of witnesses of Hankhali incident
हंसखाली कांड के गवाहों की सुरक्षा के लिए याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई संभव
पश्चिम बंगाल हंसखाली कांड के गवाहों की सुरक्षा के लिए याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई संभव
हाईलाइट
  • 12 अप्रैल को सीबीआई जांच का आदेश

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सनसनीखेज हंसखाली सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता के परिवार के सदस्यों और गवाहों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की मांग करने वाली एक याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट बुधवार को सुनवाई कर सकता है।

नदिया जिले के हंसखाली गांव में एक नाबालिग लड़की के साथ 5 अप्रैल को एक प्रभावशाली राजनेता के बेटे और उसके दोस्तों ने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग वाली एक पूर्व याचिका के अनुसार, यौन प्रताड़ना के दौरान आंतरिक अंगों में लगी चोटों के कारण रक्तस्राव शुरू होने के बाद अपराधियों ने लड़की के परिवार को कथित तौर पर उसे डॉक्टर के पास ले जाने से रोक दिया था। बाद में उसे एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाया गया और शरीर से अत्यधिक खून बह जाने के कारण उसकी मौत हो गई।

कथित तौर पर गुंडों और उनके गुर्गो ने बिना पोस्टमार्टम करवाए या मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाए गांव के एक बिना लाइसेंस वाले श्मशान में लड़की का अंतिम संस्कार भी कर दिया। वे सभी राज्य में सत्ताधारी राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।पुलिस ने 10 अप्रैल को शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद नदिया के हंसखाली में गजना ग्राम पंचायत के सदस्य समर गोआला के बेटे बृजगोपाल गोआला को गिरफ्तार कर लिया गया।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनिंद्य सुंदर दास की एक याचिका पर सुनवाई की थी और 12 अप्रैल को सीबीआई जांच का आदेश दिया था। दास ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि पीड़िता के परिवार को घटना के पांच दिनों के बाद तक पुलिस शिकायत दर्ज कराने की अनुमति नहीं दी गई थी। उसके बाद एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के सदस्यों की मदद से शिकायत दर्ज कराई जा सकी। दास ने मंगलवार को एक और याचिका दायर की और अपने वकील फिरोज एडुल्जी के माध्यम से तत्काल इसे सूचीबद्ध करवाया।

इस याचिका में दास ने भागबंगोला प्रखंड के तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अफरोज सरकार के बारे में मीडिया रिपोर्ट और वायरल वीडियो क्लिप पेश किया है। इन रिपोर्टो और वीडियो क्लिप में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने लोगों को सामूहिक दुष्कर्म के बारे में बोलने के खिलाफ धमकी दी थी।

वकील फिरोज एडुल्जी ने कहा, हमने पीड़ित परिवार और गवाहों के लिए नए नामों सहित नई पहचान के लिए प्रार्थना की है। उन्हें ऐसी जगह पर स्थानांतरित करने की जरूरत है, जहां कोई खतरा नहीं हो। राज्य और केंद्र सरकार को गवाह संरक्षण अधिनियम के तहत एक साथ काम करने की जरूरत है। जब तक ऐसा नहीं होता, अपराधियों को कभी भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दिया गया था। अदालत बुधवार को मामले की सुनवाई कर सकती है।

 

 (आईएएनएस)

Created On :   19 April 2022 10:00 PM IST

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