बयान: शोएब अख्तर ने कहा- अगर अल्लाह ने कभी अधिकार दिया तो घास खा लूंगा, लेकिन सेना का बजट बढ़ा दूंगा
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का आर्मी को लेकर बयान सामने आया है। ARY न्यूज से बातचीत में अख्तर ने कहा, "अगर अल्लाह ने मुझे कभी अधिकार दिया तो मैं खुद घास खा लूंगा, लेकिन सेना का बजट बढ़ा दूंगा।
उन्होंने कहा, मुझे यह समझ नहीं आता कि देश के सिविलियन क्यों नहीं सेना के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। मेरे पास अगर अधिकार होगा, तो मैं अपने आर्मी चीफ के साथ बैठता और अगर बजट 20% है, तो इसे 60% कर देता। उन्होंने कहा कि अगर हम एक-दूसरे का अपमान करते रहेंगे, तो नुकसान हमारा ही होगा।
शोएब ने ये भी कहा कि उन्होंने 1999 में हुए करगिल युद्ध में हिस्सा लेने के लिए इंग्लिश काउंटी नॉटिंघमशायर से मिले 175,000 पाउंड के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। करगिल युद्ध 16000 फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था जिसमें 1,042 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।
अख्तर ने कहा, लोग शायद ही इस कहानी को जानते हों। मेरे पास नॉटिंघम का 175,000 पाउंड के कांट्रैक्ट का प्रस्ताव था। फिर 2002 में मेरे पास एक और बड़ा अनुबंध था। जब करगिल हुआ तो मैंने दोनों प्रस्ताव ठुकरा दिए थे।
उन्होंने कहा, मैं लाहौर की बाहरी सीमा पर था। एक जनरल ने मुझसे पूछा कि मैं यहां क्या कर रहा हूं। मैंने कहा कि युद्ध शुरू होने वाला है और हम लोग एक साथ मरेंगे। मैंने काउंटी क्रिकेट को दो बार छोड़ा और काउंटी इससे हैरान थीं। मैं इससे चिंतित नहीं था। मैंने कश्मीर में अपने दोस्तों को फोन किया और कहा कि मैं लड़ाई के लिए तैयार हूं।
अख्तर ने बार-बार कहा है कि खेल और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहिए। उन्होंने कई बार कहा है कि दोनों देशों के बीच मैदान पर बेशक कड़ी टक्कर होती हो लेकिन मैदान के बाहर खिलाड़ी अच्छे दोस्त बनकर रहते हैं।
अख्तर ने कोरोनावायरस के समय में भारत और पाकिस्तान के बीच सीरीज की भी बात कही थी। उनके पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने अख्तर का समर्थन किया था तो भारत के विश्व विजेता कप्तान कपिल देव ने कहा था कि यह तो विकल्प ही नहीं है।
Created On :   7 Aug 2020 7:02 AM GMT