क्यों कोच और कप्तान बदलने पर भारतीय टीम से आती है विवाद की खबरें? जानिए कब-कब टीम हुई खिलाड़ियों और कोचों में आपसी कलह का शिकार
- 2006 में आमने-सामने आ गए थे सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल
- क्यों धोनी से नाराज थे सहवाग?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विराट कोहली से वन-डे टीम की कप्तानी लिए जाने के बाद से लगातार भारतीय टीम से कलह की खबरें सामने आ रही है। रोहित के हाथ में गेंद लगी लेकिन बोर्ड ने बताया कि रोहित को हैमस्ट्रिंग इंजरी हुई है और वह टेस्ट सीरीज के लिए टीम का हिस्सा नहीं होंगे। किसी को समझ नहीं आया कि जब चोट हाथ में लगी तो हैमस्ट्रिंग कैसे हो गया?
उसके बाद विराट कोहली का पारिवारिक कारणों का हवाला देकर वन-डे सीरीज से ब्रेक लेना, कही-ना-कही दर्शा रहा है की दाल में कुछ काला है। हालांकि, अब BCCI ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है कि उन दोनों के बीच चीजें सही नहीं है।
एक स्पोर्ट्स वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में BCCI अधिकारी ने कहा, " "कोहली ने कप्तानी से हटाए जाने के फैसले को हल्के में नहीं लिया है। उन्होंने साउथ अफ्रीका दौरे पर जो वनडे सीरीज होने वाली है उससे अपना नाम हटा लिया है।
कोहली ने इसके लिए अपने पारिवारिक कारणों का विकल्प चुना है, लेकिन कोई भी इतना भोला नहीं हो सकता है। जो हो रहा है, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।"
लेकिन BCCI ने यह आश्वासन जरूर दिया है कि साउथ अफ्रीका दौरे के बाद बोर्ड दोनों कप्तानों को साथ बैठाएगा और फिर आगे का रास्ता तय किया जाएगा।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब टीम से इस तरह की खबरें आ रही, इससे पहले भी भारतीय टीम के खैमे से अंतर्कलह की खबरें आ चुकी है। तो आइये एक नजर डालते है पिछली कुछ कॉन्ट्रोवर्सीज पर -
सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल
यह कहानी है 2005 की जहां एक विदेशी कोच ने एक कप्तान और वर्ल्ड-क्लास खिलाड़ी के करियर को तबाह करने की कोशिश की। इस विवाद ने ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट बल्कि पूरी क्रिकेट की दुनिया को हिलाकर रख दिया था।
इसकी शुरुआत हुई थी जॉन राइट के कोचिंग पद से इस्तीफा देने के बाद। नए कोच के रूप में चैपल ने मोहिंदर अमरनाथ, डेव व्हाटमोर, टॉम मूडी जैसे दिग्गजों को पछाड़कर भारतीय क्रिकेट टीम का कोच पद हासिल किया।
चैपल को भारतीय टीम का कोच बनाने में सबसे बड़ा हाथ उस समय भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे सौरव गांगुली का ही था, लेकिन उस समय गांगुली नहीं जानते थे कि जिसके लिए वो इतने प्रयास कर रहे है वही एक दिन उनकी कप्तानी छिनवा देगा और उन्हें टीम से बाहर भी कर देगा।
ग्रेग चैपल ने जिम्बाब्वे दौरे के दौरान गांगुली से कहा कि वह कप्तानी छोड़कर, अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दे। इसके बाद चैपल ने एक प्रेस कांफ्रेंस ऐसा बयान दिया जिसे सुन गांगुली बुरी तरह भड़क गए। चैपल ने कहा कि अगर मेरा बस चले तो मैं गांगुली की जगह युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ जैसे युवा बल्लेबाजों को मौका दूंगा।
इतना ही नहीं जिम्बाब्वे दौरा खत्म होने के बाद ग्रेग चैपल ने बीसीसीआई को एक ईमेल भी किया जो मीडिया में लीक हो गया। चैपल ने इस ईमेल में गांगुली की आलोचना करते हुए उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर बताया था और साथ ही उन्होंने लिखा कि गांगुली टीम इंडिया की कप्तानी करने के लायक नहीं हैं।
ईमेल लीक होने के बाद बीसीसीआई ने मुंबई में चैपल और गांगुली को बुलाया और उनसे सफाई मांगी। इस दौरान हरभजन सिंह ने भी ग्रेग चैपल का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने चैपल को दोयम दर्जे का टीम में डर पैदा करने वाला कोच बताया था। उस समय भारतीय टीम इंडिया के कई खिलाड़ी इस मामले में सौरव गांगुली के साथ खड़े नजर आए थे।
महेंद्र सिंह धोनी और वीरेंद्र सहवाग
2015 में क्रिकेट को अलविदा कह चुके वीरेंद्र सहवाग हमेशा से ही क्रिकेट के मैदान पर विस्फोटक अंदाज के लिए जाने जाते है। लेकिन सन्यास के बाद भी यह खिलाड़ी अपने बेबाक बयानों के लिए आय दिन सुर्खियों में रहते है। हाल ही में उन्होंने अपने और धोनी के बीच हुए विवाद को लेकर खुलासा किया, जहां उन्होंने बताया कि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में शर्मनाक हार के बाद प्रेस कांफ्रेंस में तीन भारतीय बल्लेबाजों के धीमा फील्डर होने पर सवाल खड़े कर दिए थे।
तब खबरें थीं कि धोनी ने सहवाग, सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर को धीमा फील्डर बताया था और कहा था कि इन तीनों को रोटेट किया जाएगा, ताकि युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जा सके।
विराट कोहली और अनिल कुंबले
भारतीय टीम के लाल-बॉल कप्तान विराट कोहली और विवाद साथ-साथ चलते है। रोहित के साथ विवाद कोई नई बात नहीं है, विराट कभी विदेशी खिलाड़ियों तो वहीं अपने खिलाड़ियों से विवादों के कारण सुर्खियों में बने रहते है।
ऐसा ही एक वाक्या हुआ था 2016 में जहां विराट की जिद के चलते अनिल कुंबले को कोच के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कुंबले और BCCI ने पूरी कोशिश की थी कि इस विवाद की खबर टीम से बाहर नहीं जाए, लेकिन विराट ने अपने एक्शन्स से मीडिया में यह बात पहुंचा ही दी।
2016 में विराट को टीम की वन-डे टीम की कमान सौंपी गई थी और रवि शास्त्री का टीम मैनेजर के तौर पर कार्यकाल खत्म हो रहा था, रवि शास्त्री से अच्छे संबंध होने के कारण, कोहली चाहते थे कि वह ही टीम के मुख्य कोच बने और अंत में ऐसा ही हुआ।
तब कुंबले ने एक ट्वीट के जरिये इस बात कि पुष्टि की थी, जहां उन्होंने लिखा था, "इस सूचना के बाद, मुझे पहली बार कल (सोमवार) बीसीसीआई द्वारा सूचित किया गया था कि कप्तान को मेरी "शैली" और मेरे मुख्य कोच के रूप में बने रहने के बारे में आपत्ति थी। मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि मैंने हमेशा कप्तान और कोच के बीच की भूमिका की सीमाओं का सम्मान किया था। हालांकि बीसीसीआई ने कप्तान और मेरे बीच की गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया, लेकिन यह स्पष्ट था कि साझेदारी अस्थिर थी, और इसलिए मेरा मानना है कि मेरे लिए आगे बढ़ना सबसे अच्छा है।"
Created On :   14 Dec 2021 11:12 PM IST