विराट-रोहित विवाद से टीम इंडिया को होगा इतना नुकसान, टीम के लिए कब खेलेंगे कप्तान, पूर्व कप्तान!
- कोहली ने वन-डे सीरीज से लिया नाम वापस
- रोहित प्रैक्टिस के दौरान चोटिल होने के कारण टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए है
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत के साउथ अफ्रीका दौरे पर खतरे के बादल मंडराते ही जा रहे हैं। सोमवार (13 दिसंबर) को रोहित प्रैक्टिस के दौरान चोटिल होने के कारण टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए, अभी फैंस इस सदमे से निकल ही रहे थे कि उधर कोहली ने वन-डे सीरीज से नाम वापस लेकर सभी को चौंका दिया।
कोहली ने बोर्ड से गुजारिश की है कि बेटी वामिका का पहला जन्मदिन होने के कारण वो वन-डे सीरीज का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। लेकिन, अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि वामिका का बर्थ-डे है 11 जनवरी को और उस दौरान भारतीय कप्तान सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे होंगे, तो क्यों वह पारिवारिक कारण बताकर वन-डे सीरीज से ब्रेक लेना चाह रहे हैं? इसके बाद ये समझा जा रहा है कि विराट कुछ और कारणों से खेल से दूरी बना रहे हैं। इसके बाद से दर्शकों के मन में रोहित की चोट को लेकर भी संशय पैदा हो गया है क्योंकि कल बॉल लगने के बावजूद भी उन्हें नेट में कुछ और देर बल्लेबाजी करते हुए देखा गया था।
फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ अब यही अनुमान लगा रहे हैं कि दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया है कि अब वह एक-दूसरे की कप्तानी में खेलना ही नहीं चाहते।
लेकिन इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या दो खिलाड़ियों का ईगो इतना बड़ा हो गया है कि वो नेशनल टीम को दांव पर लगा रहे हैं? क्योंकि, टीम को इस वक्त कोहली या रोहित जैसे किसी दिग्गज खिलाड़ी के साथ की बहुत ज्यादा जरूरत है। जिसके तजुर्बे का फायदा उन्हें इस दौरे में मिल सके। फिलहाल ये दोनों खिलाड़ी टीम की जगह अपने पर्सनल इश्यूज को लेकर खेल का नुकसान करते ज्यादा नजर आ रहे हैं।
कैसे संभलेगी टीम?
भारतीय टीम पर एक नजर डाली जाए तो लगभग खिलाड़ी युवा है, लगभग रोहित और विराट ही टीम में सीनियर है, इसलिए ही भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट का दायित्व इन दोनों खिलाड़ियों को सौंपा गया है। अगर ऐसे में ये दोनों ही इस तरह के फैसले करते है तो जाहिर सी बात है टीम में बाकी युवाओं का मनोबल भी टूटेगा।
क्रिकेट एक टीम गेम है, जहां टीम का प्रदर्शन उसके सामूहिक प्रयास पर निर्भर करता है। कप्तान के तौर पर आपकी भूमिका होती है कि कैसे आप अपनी टीम को एकजुट करें, लेकिन जिस तरह की खबरें टीम से आ रही हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है टीम में गुटबाजी जोरो-शोरों पर है।
रोहित शर्मा का टेस्ट और कोहली का वन-डे सीरीज में नहीं होना, साउथ अफ्रीका में भारतीय टीम के प्रदर्शन पर जरूर असर डालेगा क्योंकि दोनों ही खिलाड़ी वर्ल्ड-क्लास हैं।
रोहित शर्मा ने 43 टेस्ट मैच की 74 पारियों में 46. 88 की औसत से 3047 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 8 शतक और 14 अर्धशतक जड़े हैं। उधर, कोहली को तो क्रिकेट में रन मशीन भी कहा जाता है, अगर वन-डे इंटरनेशनल की बात करें तो कोहली ने 254 मैचों की 245 पारियों में 59.07 की धाकड़ औसत से 12,169 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 43 शतक और 62 अर्धशतक लगाए है।
दोनों के व्यक्तिगत आकड़ो से अंदाजा लगाया जा सकता जा सकता है कि दोनों खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
क्यों अहम है दक्षिण अफ्रीका का दौरा?
आपको बता दे भारत आज तक साउथ अफ्रीका में खेली गई सात टेस्ट सीरीज में से एक भी नहीं जीता है। टीम ने पहली बार 1992-93 में मोहम्मद अजरुद्दीन की अगुवाई में साउथ अफ्रीका का दौरा किया था, जहां उसे 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से मात मिली थी।
भारतीय टीम ने 2019-20 में कोहली की कप्तानी में साउथ अफ्रीका की धरती पर आखरी टेस्ट सीरीज खेली थी, वहां भी टीम को तीन मैचों की सीरीज में 3-0 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था।
Created On :   14 Dec 2021 5:57 PM IST