विश्व नंबर 1 बनने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में हुआ उदय

Marnus Labuschagne rises in Test cricket as he becomes World No. 1
विश्व नंबर 1 बनने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में हुआ उदय
मार्नस लाबुस्चागने विश्व नंबर 1 बनने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में हुआ उदय
हाईलाइट
  • ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में जगह बनाने में लगभग चार साल का समय लगा

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। 2014 में तत्कालीन 20 वर्षीय मार्नस लाबुस्चगने को बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के दौरान गाबा में एक अतिरिक्त फिल्डर के रूप में मैदान पर उतरने का मौका मिला था। इसके बाद, उन्हें बल्लेबाज के रूप में ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में जगह बनाने में लगभग चार साल का समय लग गया।

लाबुस्चागने की शुरुआत उतनी प्रभावशाली नहीं थी जितनी वह चाहते थे, लेकिन कुछ पारियों के बाद स्टाइलिश बल्लेबाज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित करना जारी रखा। उन्होंने बहुत कम समय में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक का विश्वास भी हासिल किया है।

बुधवार को लाबुस्चगने आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गए। डेब्यू करने के तीन साल बाद, लाबुस्चागने ने अपने पहले 20 टेस्ट में छह शतक और 12 अर्धशतक बनाए, जिसमें उनका औसत 62.14 का रहा।

कम से कम 20 टेस्ट पारियां खेलने वाले बल्लेबाजों में केवल अतुलनीय डॉन ब्रैडमैन का औसत (99.94) अधिक रहा है।

लाबुस्चागने ने अक्टूबर, 2018 में पाकिस्तान के खिलाफ दुबई में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। वह पहली पारी में दूसरी गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गए थे, तो वहीं दूसरी पारी में 13 रन पर पवेलियन लौट गए थे।

हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान की प्रत्येक पारी में एक विकेट लिया, साथ ही बाबर आजम को रन आउट भी किया। उन्होंने दूसरे टेस्ट में 25 और 43 रन बनाकर खुद को साबित किया।

बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में मौका

इस सीरीज के लिए लाबुस्चागने को ऑस्ट्रेलिया द्वारा टीम में चुना गया। इसके बाद बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के पहले तीन मैचों के लिए टीम से बाहर रहने के बाद, क्वींसलैंडर को सिडनी टेस्ट में मौका दिया गया। यह सीरीज ऑस्ट्रेलिया 2-1 से हार गई थी।

उनका नंबर 3 पर आकर खेलना बड़ी बात थी। यह देखते हुए कि इसे ऑस्ट्रेलिया ने आमतौर पर टेस्ट बल्लेबाजी क्रम में सबसे महत्वपूर्ण स्थिति के रूप में देखा है। आईसीसी क्रिकेट डॉट कॉम के अनुसार, उन्हें एक ऐसे खिलाड़ी के साथ भूमिका सौंपना आश्चर्य की बात थी, जिसका औसत 33.17 का औसत नहीं था।

बल्लेबाज ने मौके को अच्छी तरह भुनाया

लाबुस्चागने के पहले चार टेस्ट ऐसे दौर में आए जब ऑस्ट्रेलिया अपने दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ के बिना खेल रहा था। उनकी वापसी के बाद उनको प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया, लेकिन फिर भी एशेज टीम में बने रहे।

स्मिथ की गैरमौजूदगी में लाबुशेन ने टीम में वापसी की और उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। दूसरे एशेज टेस्ट की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में स्मिथ के लिए एक विकल्प के रूप में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने पर दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 59 रनों की पारी खेली, जिससे लॉर्डस में ऑस्ट्रेलिया को एक महत्वपूर्ण ड्रॉ हासिल करने में मदद मिली।

काउंटी क्रिकेट में एक कार्यकाल के दौरान अपनी तकनीक का लाभ उठाते हुए लाबुस्चागने एक रूपांतरित बल्लेबाज थे, जिन्होंने चार अर्धशतक के साथ 50.42 के औसत से सीरीज को समाप्त की।

विरोधी टीमों के गेंदबाजों पर रहे हावी

एशेज के दौरान इस बात के संकेत मिले थे कि लाबुस्चागने आने वाली सीरीज में विरोधी टीम के गेंदबाजों पर हावी हो सकते हैं।

गर्मियों के शुरुआती गाबा टेस्ट में, उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक बनाया, जिसमें 279 गेंदों पर 185 रन बनाए। उन्होंने एडिलेड ओवल डे-नाइट में 162 रन बनाकर पाकिस्तान के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में 347 के औसत से रन बनाए।

उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 143 रन के साथ लगातार तीन पारियों में तीन शतक बनाए। उन्होंने अपना पहला दोहरा शतक भी इसी सीरीज में बनाया। इस पूरे सीजन में उन्होंने चार शतक और तीन अर्धशतक के साथ 896 रन बनाए थे।

2019 में 20.25 औसत से बढ़कर, जनवरी 2020 की शुरुआत में उनका औसत 63.43 हो गया।

भारत के खिलाफ संकल्प

जब लाबुस्चागने 2020/21 में भारत का सामना किया था, तब नंबर 3 पर एक आश्चर्यजनक चयन के बाद वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के एक वास्तविक स्टार थे।

विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की टीम ने सीरीज की शुरुआती मैचों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था। एडिलेड ओवल में उन्होंने महत्वपूर्ण 48 और 28 रन बनाए। लेकिन इससे टीम को फायदा नहीं हो सका और ऑस्ट्रेलियाई टीम मैच हार गई।

लेकिन सीरीज के दूसरे भाग में वापसी करते हुए एससीजी में 91 और 73 रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। दुर्भाग्य से ऑस्ट्रेलिया के लिए उनकी शानदार पारी काम नहीं आई, क्योंकि भारत ने सीरीज 2-1 से जीत ली।

एशेज में इंग्लैंड के खिलाफ कर रहे शानदार प्रदर्शन

लाबुस्चागने ने इंग्लैंड के खिलाफ अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और इसी एशेज सीरीज में आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग के शीर्ष पर पहुंचे हैं।

27 वर्षीय खिलाड़ी ने गाबा में 74 रनों की पारी से सीरीज की शुरुआत की थी, इसके बाद एडिलेड ओवल में पहली पारी में एक शतक और दूसरी पारी में 51 रन बनाए, जिससे उनको दूसरे एशेज टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया।

एशेज में यह लाबुस्चागने का पहला शतक था और वह अब तक छह शतक लगा चुके हैं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   22 Dec 2021 8:00 PM IST

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