भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐतिहासिक गेंद फेंकने वाले गेंदबाज ने क्रिकेट को कहा अलविदा 

India’s 2007 T20 World Cup hero Joginder Sharma announces retirement
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐतिहासिक गेंद फेंकने वाले गेंदबाज ने क्रिकेट को कहा अलविदा 
संन्यास की घोषणा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐतिहासिक गेंद फेंकने वाले गेंदबाज ने क्रिकेट को कहा अलविदा 
हाईलाइट
  • जोगिंदर शर्मा फिलहाल हरियाणा पुलिस में डीएसपी पद पर तैनात हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम पर खेले गए पहले टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल के उस ऐतिहासिक विनिंग मोमेंट को शायद ही कोई भूल सकता है, जहां एक अनुभवहीन गेंदबाज ने लगभग छिन चुके वर्ल्ड कप को भारत की झोली में डाल दिया था। हरियाणा के जोगिंदर शर्मा पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह-उल-हक के इस महत्पूर्ण विकेट की वजह से देश के हर घर में फेमस हो गए थे। लेकिन इसके बाद वह एक सड़क दुर्घटना के चलते  क्रिकेट के मैदान से काफी दूर हो गए थे। हालांकि, इस चैंपियन ने वापसी के लिए काफी मेहनत की पर काफी मशक्कत के बाद वह टीम में जगह बनाने में असफल रहे इसलिए ही इस 39 वर्षीय गेंदबाज ने आज क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। 

हरियाणा के रोहतक से आने वाले जोगिंदर शर्मा ने भारत के लिए 4 वनडे और 4 ही टी-20 मैच खेले हैं। भारत के लिए वनडे में उन्होंने 2004 में डेब्यू किया था और 2007 में आखिरी वनडे मैच खेला। इसके अलावा जोगिंदर शर्मा ने चारों टी-20 मैच 2007 के वर्ल्ड कप में ही खेले थे। जोगिंदर शर्मा फिलहाल हरियाणा पुलिस में डीएसपी पद पर तैनात हैं, कुछ वक्त पहले तक हरियाणा के लिए रणजी ट्रॉफी भी खेल रहे थे। 

ट्वीट कर दी जानकारी 

जोगिंदर शर्मा ने ट्विटर के जरिये अपने संन्यास की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने वह चिट्ठी शेयर की, जो उन्होंने बीसीसीआई सचिव जय शाह को भेजी है। जोगिंदर शर्मा ने लिखा है कि वह बीसीसीआई, हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन, चेन्नई सुपर किंग्स और हरियाणा सरकार को धन्यवाद देते हैं। जोगिंदर शर्मा ने अपने फैंस, परिवार, दोस्तों का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने उनके करियर के उतार-चढ़ाव में उनका साथ दिया। 

जोगिंदर शर्मा का वो ऐतिहासिक ओवर

24 सितम्बर 2007 को वांडरर्स स्टेडियम पर पहले टी-20 का ऐतिहासिक फाइनल चिर-प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था। उस फाइनल के आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे। कप्तान धोनी ने इस रोमांचक स्थिति में गेंदबाजी की जिम्मेदारी अनुभवहीन गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को सौंपी।  सेट बल्लेबाज मिस्बाह उल हक के क्रीज पर होने के कारण भारतीय फैन्स की सांसे थम सी गई थीं। यहां तक कि कमेंटेर्स तक ने धोनी के इस फैसले पर सवाल उठाए थे। लेकिन जोगिंदर ने अपने कप्तान का निर्णय सही साबित करते हुए ओवर की तीसरी गेंद पर मिस्बाह को श्रीसंत के हाथों आउट कराकर भारतीय क्रिकेट इतिहास में सुनहरा अध्याय जोड़ दिया। 

Created On :   3 Feb 2023 1:16 PM IST

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