वर्ल्ड कप की मेजबानी पर छाए संकट के बादल, भारतीय टीम से छिन सकता है वर्ल्ड कप कराने का मौका
- टैक्स में छूट नहीं दिलाने पर बीसीसीआई को अपने शेयर के 900 करोड़ रुपये आईसीसी को देने पड़ेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए साल की शुरुआत में अब कुछ ही समय शेष है। क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट इसी साल के आखिर में भारत की मेजबानी में खेला जाना है। ग्यारह साल बाद भारतीय टीम वनडे वर्ल्ड की मेजबानी करने जा रही है। लेकिन बीसीसीआई और आईसीसी टैक्स को लेकर एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। दोनों के बीच चल रहे इस विवाद की वजह से भारत की वर्ल्ड कप मेजबानी खतरे में आ गई है।
आईसीसी ने की टैक्स छूट की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आईसीसी ने बीसीसीआई के कहा है कि, वह वनडे वर्ल्ड कप 2023 के आयोजन के लिए भारत सरकार से टैक्स में छूट व्यवस्था करे। लेकिन आईसीसी की यह मांग किसी भी तरह से पूरी होना मुश्किन है क्योंकि भारत सरकार किसी भी टूर्नामेंट के लिए कभी भी टैक्स पर छूट नहीं देती है।
हालांकि रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि, बीसीसीआई आईसीसी की इस मांग से बिल्कुल भी राजी नहीं है। अगर आईसीसी नहीं माना तो बीसीसीआई उसके खिलाफ कोर्ट में भी जा सकता है। वहीं अगर बीसीसीआई ने टैक्स का मामला नहीं सुलझाया तो आईसीसी वर्ल्ड कप की मेजबानी किसी और देश को देने के बारे में सोच सकता है।
साल 2016 में भी हुआ था विवाद
गौरतलब है कि, इससे पहले साल 2016 में भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी। इस वर्ल्ड कप में भी आईसीसी ने टैक्स पर छूट की मांग रखी थी। लेकिन बीसीसीआई भारत सरकार से छूट नहीं दिला सकी थी। जिसके बाद उन्हें आईसीसी को अपने शेयर के 190 करोड़ रुपये देने पड़े थे।
मेजबान को दिलानी होती है टैक्स में छूट
बता दें कि, आईसीसी की पॉलिसी के अनुसार, आईसीसी के किसी भी टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाले देश को अपनी सरकार से टैक्स पर छूट दिलाने की व्यवस्था करनी होती है। बीसीसीआई अगर 2023 वर्ल्ड कप के लिए टैक्स में छूट नहीं दिला सकी तो उन्हें आईसीसी को अपने शेयर के 900 करोड़ रुपये देने पड़ेंगे।
Created On :   17 Dec 2022 3:08 PM IST