बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अपने गेंदबाजों के ज्यादा वाइड और नो बॉल फेंकने से नाखुश

Bangladesh captain Shakib unhappy with his bowlers bowling more wides and no balls
बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अपने गेंदबाजों के ज्यादा वाइड और नो बॉल फेंकने से नाखुश
बॉल-वाइड बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अपने गेंदबाजों के ज्यादा वाइड और नो बॉल फेंकने से नाखुश
हाईलाइट
  • बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अपने गेंदबाजों के ज्यादा वाइड और नो बॉल फेंकने से नाखुश

डिजिटल डेस्क, दुबई। बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने श्रीलंका के खिलाफ एशिया कप के ग्रुप बी के करो या मरो के मुकाबले में हार झेलने के बाद अपने गेंदबाजों के अनुशासनहीन रहने और ज्यादा नो बॉल-वाइड फेंकने पर नाराजगी जताई है। बांग्लादेश 183/7 के अपने प्रतिस्पर्धी स्कोर का बचाव नहीं कर पाया और श्रीलंका ने चार गेंद शेष रहते दो विकेट से जीत हासिल कर ली। अफगानिस्तान और श्रीलंका ने सुपर फोर राउंड में जगह बना ली जबकि बांग्लादेश बाहर हो गया। बांग्लादेश ने इस मुकाबले में 17 अतिरिक्त रन दिए जिसमें चार नो बॉल और आठ वाइड शामिल थे।

आईसीसी ने शाकिब के हवाले से कहा, कोई कप्तान अपने गेंदबाजों से नो बॉल नहीं चाहता है और स्पिनर का नो बॉल करना एक अपराध की तरह है। हमने काफी नो बॉल और वाइड गेंदें डालीं और यह अनुशासित गेंदबाजी नहीं है। ये दबाव वाले मैच हैं और आपको यहां से सीखकर आगे बढ़ना है। श्रीलंका की जीत के हीरो रहे कुसल मेंडिस जिन्होंने 37 गेंदों पर 60 रन बनाये। उन्हें कई जीवनदान भी मिले। उन्हें विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम ने तस्कीन अहमद की गेंद पर उस समय ड्राप किया जब उनका स्कोर मात्र दो रन था।

स्पिनर मेहदी हसन ने सातवें ओवर में उनके बल्ले का बाहरी किनारा निकाला लेकिन वह नो बॉल कर गए। शाकिब ने कहा कि टीम को डैथ ओवरों में अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा। बांग्लादेश की टीम से फील्ड पर कई गलतियां हुईं और कप्तान शाकिब अल हसन के अनुसार मेहदी हसन के दो नो-बॉल ने टीम को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाई। मेहदी की पहले नो-बॉल पर बल्लेबाज कुसल मेंडिस सातवें ओवर में ही आउट हो जाने चाहिए थे।

इसके बजाय उन्होंने श्रीलंकाई पारी की नींव रखते हुए 37 गेंदों पर 60 रन बनाए और आखिरकार प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे। उनका दूसरा नो-बॉल तब आया जब श्रीलंका को चार गेंदों पर तीन रन चाहिए थे। जैसे ही असिथा फर्नांडो और महीश थीक्षना ने दूसरा रन पूरा किया उन्हें सायरन की आवाज से पता चला कि मेहदी ने बोलिंग क्रीज की सीमा लांघ दी थी।  जब स्टेडियम पर जायंट स्क्रीन पर रिप्ले के जरिए इस बात की पुष्टि भी हो गई तो बांग्लादेश को पता था कि टूर्नामेंट में उनका सफर समाप्त हो चुका है।

शाकिब ने कहा, कोई भी कप्तान नहीं चाहता कि उसकी टीम में कोई नो-बॉल डाले। एक स्पिनर के लिए नो-बॉल डालना तो किसी बड़े अपराध से कम नहीं। आज हम अनुशासित खेल नहीं दिखा पाए। हमें पता नहीं था कि हम दबाव को कैसे संभालेंगे।  हम जानते थे कि कुसल स्पिन को अच्छे से खेलते हैं और ऐसे में उन्हें जल्दी आउट करना जरूरी था ताकि हमारे स्पिनर गेम में आ सकें। उन्हें हमने दो पर ड्रॉप किया और फिर जब वह आउट हुए तो गेंद नो-बॉल थी। आम तौर पर हमारे स्पिनर नो-बॉल नहीं करते लेकिन

आज हमने दिखाया हम दबाव में बिखर जाते हैं। अगर हम करीबी मुकाबलों के 50 प्रतिशत मैच भी जीतते, तो आज इस प्रारूप में हमारा रिकॉर्ड काफी बेहतर होता। बांग्लादेश के लिए डेब्यू कर रहे इबादत हुसैन के आखिरी दो ओवर भी बहुत महंगे साबित हुए। इबादत ने अपने पहले दो ओवर में 13 रन देकर तीन विकेट लेते हुए दमदार शुरूआत की थी लेकिन उन्होंने आखिरी दो ओवर में 38 रन लुटाए। पारी के 19वें ओवर में उन्होंने एक वाइड और नो-बॉल भी डाला और कुल 17 रन दिए जिससे जीत श्रीलंका के तरफ चली गई।

इस मैच ने हमें सिखाया कि दबाव वाली परिस्थितियों में कैसे गेंदबाजी की जाए। आप ऐसे पिचों पर तेज गेंदबाजों से 10-12 अच्छे ओवर की आशा कर सकते हैं। जो गेंदबाज ऐसा कर सकते हैं उन्हें ही टीम में मौका मिलेगा। शाकिब ने कहा, इबादत ने इस स्तर का दबाव वाला मैच कभी नहीं खेला था। उन्हें अभी काफी कुछ समझना है। उनके पहले दो ओवरों ने हमें मैच में वापसी करने का अवसर दिया था। हमें लगा शायद आज उनका दिन है।

जब कोई ऐसी शुरूआत करता है तो आप उनसे अपनी लय बनाए रखने की उम्मीद रखते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारा प्लान था लगातार विकेट लेते रहना और हमने ऐसा ही किया। उन्हें आखिर के दो ओवरों में 25 रन चाहिए थे। सात विकेट जब गिरें हों तो आप अपने प्रमुख गेंदबाजों से यह उम्मीद रखते हैं कि वह पुछल्ले बल्लेबाजों के विरुद्ध यह डिफेंड कर लेंगे। टी 20 विश्व कप की ओर देखते हुए शाकिब ने तेज गेंदबाजों द्वारा बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताते हुए कहा, इस मैच ने हमें सिखाया कि दबाव वाली परिस्थितियों में कैसे गेंदबाजी की जाए।

आप ऐसी पिचों पर तेज गेंदबाजों से 10-12 अच्छे ओवर की आशा कर सकते हैं। जो गेंदबाज ऐसा कर सकते हैं उन्हें ही टीम में मौका मिलेगा। गणित काफी सरल है- हमने यहां पर चार तेज गेंदबाजों को आजमाया है और न्यूजीलैंड में त्रिकोणीय श्रृंखला में कुछ और को भी देख सकते हैं। इससे हमें यह अंदाजा मिल जाएगा कि ऑस्ट्रेलिया में कौन सफल होगा। शाकिब ने टूर्नामेंट में मिले कुछ आशावादी पहलुओं को भी उजागर किया।

मसलन मेहदी हसन, जिन्हें चार साल में पहली बार किसी टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में ओपनर के तौर पर उतारा गया। उन्होंने केवल 26 गेंदों पर 38 बनाए, जिसमें दो चौके और दो छक्के शामिल थे। शाकिब ने कहा, वह घरेलू क्रिकेट में इसे अच्छे से करते हैं इसलिए हमें उनपर विश्वास था। पहले मैच में भी हम उनसे शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करवाने की सोच रहे थे लेकिन वह आखिरकार खेले ही नहीं। उन्होंने आज अपने हुनर और मनोवृत्ति को दर्शाया। वह बिलकुल विचलित नहीं थे और पहले छह ओवरों के दबाव को उन्होंने बड़ी आसानी से संभाला।

शाकिब ने विश्व कप से पहले टीम के साथ धीरज से काम लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, मैं इन दो मुकाबलों के साथ टी 20 कप्तानी में लौटा हूं। एक नई शुरूआत हमेशा कठिन होती है। हम एक योजना के तहत आगे बढ़ रहे हैं और अफगानिस्तान के खिलाफ मैच उसकी पहली ही कड़ी थी। हमें अपने लक्ष्य को धीरे-धीरे हासिल करना है। लेकिन अगर आप हमारी शारीरिक भाषा और मानसिकता को देखें, तो हम पिछले तीन या चार सीरीज के मुकाबले इन दो मैचों में उसमें सुधार ला चुके हैं।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   2 Sept 2022 2:00 PM IST

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