यवतमाल: सरकार के साथ 14.10 करोड़ की ठगी का मामला, बगैर अनुमति लेखा परीक्षक ने बेची जमीन

सरकार के साथ 14.10 करोड़ की ठगी का मामला, बगैर अनुमति लेखा परीक्षक ने बेची जमीन
  • लेखा परीक्षण अधिकारी समेत तीन नामजद
  • जमीन बिना सरकारी मंजूरी के बेच दी

डिजिटल डेस्क, यवतमाल. शहर से 6 किमी दूर किन्ही क्षेत्र में नागपुर-तुलजापुर रोड से सटी 5.19 हेक्टेयर (13 एकड़) जमीन बिना सरकारी मंजूरी के बेच दी गई। यह जमीन जिला कुक्कुटपालन सहकारी संस्था की बताई जा रही है। इस संस्था को अंधेरे में रखकर यह बिक्री की गई है। मात्र 14.10 करोड़ में यह व्यवहार बताया गया है। इसमें अवसायक तथा लेखा परिक्षण अधिकारी योगेश प्रल्हाद गोतरकर (क्लास वन अधिकारी) के साथ जमीन खरीदनेवाले अन्य 2 लोगों को मंगलवार को नामजद किया गया है। आरोपियों में यवतमाल निवासी संजय साधुराम वाधवाणी (48) और आर्णी तहसील के तुपेश्वर गांव निवासी दीपक उत्तमराव देशमुख व अवसायक योगेश गोतरकर शामिल हैं। इसकी शिकायत सहायक निबंधक सहकारी संस्था (दुग्ध) धर्मराज पाटील ने दी है।

जानकारी के अनुसार 2 माह पहले इस कुक्कुटपालन के सदस्य तथा पूर्व मंत्री शिवाजीराव मोघे ने संवाददाता सम्मेलन लेकर इस धांधली का भंड़ाफोड़ किया था। यह धांधली 26 नवंबर 2020 से 6 फरवरी 2024 के बीच की बताई जा रही है।

कुक्कुटपालन सहकारी संस्था घाटे में चलने से उस पर अवसायक के तौर पर लेखा परीक्षक योगेश गोतरकर को नियुक्त किया गया था। इसके बाद अवसायक गोतरकर ने जरूरी प्रशासकीय कार्रवाई किए बिना यह जमीन आरोपी संजय वाधवानी और दीपक देशमुख के साथ मिलीभगत कर 10 करोड 90 लाख रुपए में बेच डाली। जबकि यह जमीन आज के समय में मार्केट रेट के अनुसार 25 करोड़ रुपये की है।

इसे देखते हुए आरोपियों ने सरकार से 14 करोड़ 10 लाख रुपये की ठगी करने की बात सहायक निबंधक धर्मराज पाटील ने अपनी शिकायत में दर्ज की है। शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 409, 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया है।

Created On :   15 May 2024 5:47 PM IST

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