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वर्धा: आजाद खयाल को खत्म कर गुलामी की मानसिकता में बदल रही सरकार - कन्हैया कुमार
- कन्हैया कुमार का बयान
- गुलामी की मानसिकता में बदल रही सरकार
- आजाद खयाल को खत्म करने की हो रही कवायद
डिजिटल डेस्क, वर्धा. अंग्रेजों ने हिंदुस्तानियों को गुलाम बनाने का काम किया था, लेकिन आज उसमें थोड़ा बदलाव किया गया है। जैसे फूट डालो और राज करों। हमारें साथ साफ-साफ बेईमानी की जा रही है। हमारी आंखों में धूल झोंकी जा रही है। वास्तविकता क्या है हमें दिखाया ही नहीं जा रहा है। अग्निवीर योजना के तहत चार साल की युवाओं को नोकरी दी जाती है। लेकिन विधायक, सांसद पांच साल के लिए चुने जाते हैं। लेकिन जब देश के वीर जवान को शहादत मिलती है तो उन्हें कुछ नहीं मिलता। परंतु पांच साल विधायक, सांसद रहने के बाद उन्हें पेंशन दी जाती है। घर दिया जाता है। यह बेईमानी हमारे सामने हाे रही है। अगर देश के नेताओं को पांच साल में पेंशन दी जा सकती है तो हमारे अग्निवीर के फौजियों को शहादत के बाद पेंशन क्यो नहीं मिल सकती? ऐसा सवाल देश के युवा नेता कन्हैया कुमार ने उपस्थित कर सरकार पर निशाना साधा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट द्वारा विधायक राेहित पवार के नेतृत्व में पुणे से निकली संघर्ष यात्रा गुरुवार, 7 दिसंबर को वर्धा पहुंची। जहां छत्रपति शिवाजी महाराज चौक में यात्रा का समापन किया गया। इस अवसर पर आयोजित सभा में वे बोल रहे थे। मंच पर विधायक रोहित पवार, देश के युवा नेता कन्हैय्या कुमार, पूर्व राज्यमंत्री सुनील केदार, पूर्व विधायक प्रा सुरेश देशमुख, युवा नेता समीर देशमुख, हिंगणघाट कृउबास के सभापति एड सुधीर कोठारी, पूर्व विधायक राजू तिमांडे, कांग्रेस नेता शेखर शेंडे, हेमलता मेघे, शिवसेना के श्रीकांत मिरापुरकर, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज चांदुरकर, अभिजीत फालके, ज्योति देशमुख, युवराज शिंदे, संजय शेंडे, नावेद शेख, संदीप भांउवलकर, विकास लवांडे, उमेश पाटील, मौसीन शेख, संदीप किटे उपस्थित थे। कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि, आज टीवी, रेडियो पर दिनभर युक्रेन, अमेरिका के राजनीति की बाते
बताई जाती है। लेकिन यह नहीं बताया जाता कि, स्कूलों में व्यवस्था है या नहीं,
शिक्षक है या नहीं, शिक्षकों को पेंशन मिलती है या नहीं। बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है या नहीं। जिससे हम वहीं देख पा रहे हंै जो हमें दिखाया जाता है। गांधीजी दिल्ली, गुजरात छोड़कर वर्धा आये, यहां आश्रम बनाया। लेकिन आजकल नई परंपरा शुरू हो गई है। नए किस्म के सन्यासी पैदा हो गए हंै। हमारी पहचान, हमारी संस्कृति का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह धरती संत, महात्माओं की हैं। महाराष्ट्र की पहचान भगवा है। लेकिन यहां कुछ और ही चल रहा है। कहा जाता है ‘राज तिलक’ की तैयारी करों। लेकिन लोकतंत्र में कब से राज तिलक होने लगा है। लोकतंत्र में राजा नहीं सेवक पैदा होते है। ऐसे कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार पर हल्ला बोल किया। जनसभा में हजारों की संख्या में महिला, पुरुष, युवक, युवतियां शामिल हुई।
अधिवेशन के पहले ही कसीनों बिल पेश कर रही सरकार- विधायक रोहित पवार
अधिवेशन सामान्य जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए होता है। लेकिन अधिवेशन के पहले ही दिन पेपर फूटने के विरोध में कानून बनाने के बदले, महिला सुरक्षा कानून बनाने के बदले कसीनों बिल सरकार पेश कर रही हैं। जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, उसे बिल बनाकर सामने लाने का काम सरकार कर रही है। ऐसा आरोप विधायक रोहित पवार ने लगाया। उन्होंने कहा कि, आज राज्य में काफी संवेदनशील हालात है। गरीबों के बच्चों को न्याय दिलाने के लिए युवा संघर्ष यात्रा निकाली है। अधिवेशन के दौरान हम जनता की 40 समस्याएं रखेंगे। जिन्हें सरकार को पूरा करना ही होगा। अगर नहीं करती है तो उन्हें काफी महंगा पड़ेगा। इस उक्त समय सुनील केदार ने भी सरकार पर निशाना साधा।
Created On :   9 Dec 2023 8:02 PM IST