Shahdol News: बटुरा में सरकारी की तरह चल रहीं कोयले की अवैध खदानें

बटुरा में सरकारी की तरह चल रहीं कोयले की अवैध खदानें
  • अंदर ही अंदर एक किलोमीटर तक आपस में जुड़े हुए हैं मौत के मुहाने
  • सोन नदी में बहाव क्षेत्र से लेकर तट से ऊपर तक पत्थरों को काटकर तीन दर्जन से ज्यादा मौत के मुहाने (गोफ) बनाए गए हैं।
  • सीइओ ने बताया कि इसके बाद दूसरे गांव से लोग आए और कार्यक्रम हुआ।

Shahdol News: अमलाई थाना क्षेत्र के ग्राम बटुरा में सोन नदी के तट पर कोयले की अवैध खदानें यहां आसपास संचालित एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की सरकारी खदानों की तरह ही चल रही है। सोन नदी में बहाव क्षेत्र से लेकर तट से ऊपर तक पत्थरों को काटकर तीन दर्जन से ज्यादा मौत के मुहाने (गोफ) बनाए गए हैं। बात यह है कि इनमें से कई गोफ आपस में एक-दूसरे से अंदर ही अंदर जुड़े हुए हैं। यह लंबाई एक किलोमीटर तक की है।

कोयले के अवैध खनन के दौरान ऊपर की मिट्टी नहीं दबे इसके लिए सरकारी खदान की तरह ही दो मीटर चौड़ाई में कोयला निकाला जाता है तो तीन मीटर चौड़ाई का कोयला दीवार की तरह छोड़ दिया जाता है, जिससे ऊपर मिट्टी धंसकने न पाए। कोयला चोरी के दौरान गोफ से अंदर जाने के बाद मजदूरों को पानी रिसाव से कोयला खनन में परेशानी नहीं हो इसके लिए अंदर का पानी निकालने आधा दर्जन से ज्यादा डीजल पंप लगाए गए हैं।

दिन में घर से बाहर नहीं निकलते गांव के लोग

बुढ़ार जनपद में सीइओ रहे मौजूदा जिला पंचायत के अतिरिक्त सीइओ मुद्रिका सिंह बताते हैं कि जब वे बुढ़ार में पदस्थ थे तब ग्राम बटुरा में एक शासकीय कार्यक्रम करना था। इसमें तत्कॉलीन कमिश्नर बीएस जामोद को भी आना था। सुबह कार्यक्रम स्थल पर टेंट और पूरी तैयारी के बाद जब गांव के लोग नहीं पहुंचे तो सचिव से कारण जाना गया।

सचिव ने बताया कि गांव के लोग रात भर कोयले की अवैध खदानों में काम करते हैं, इसलिए दिन में सोते हैं। यहां दिन में घरों से बाहर कम ही लोग निकलते हैं। सीइओ ने बताया कि इसके बाद दूसरे गांव से लोग आए और कार्यक्रम हुआ।

Created On :   1 March 2025 7:15 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story