Shahdol News: भास्कर खास, स्कूलों के एआई लैब में धूल खा रहे कम्प्यूटर

भास्कर खास, स्कूलों के एआई लैब में धूल खा रहे कम्प्यूटर
  • व्यवसायिक शिक्षा से बच्चों को स्वावलंबी बनाने संसाधन में करोड़ों रूपए खर्च पर रखरखाव में लापरवाही
  • विद्यालय में एआई कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन हो रहा है, जिसमें भोपाल से बच्चों को पढ़ाया जाता है।
  • शहडोल संभागीय मुख्यालय में संचालित रघुराज हायर सेकेंडरी स्कूल में ऐसे वीटी का वेतन दस में नहीं बढ़ा।

Shahdol News: शासकीय रघुराज हायर सेकेंडरी स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से छात्रों को रुबरु करवाने के लिए बनवाए गए एआई लैब में धूल धूसित कप्यूटर मॉनीटर यहां व्यवसायिक शिक्षा की हकीकत बयां कर रही है। लैब में 40 कम्प्यूटर हैं जो धूल खा रहे हैं।

हालांकि परीक्षाओं की तैयारी के कारण यहां फिलहाल पढ़ाई नहीं हो रही है पर कक्षा संचालन के समय की परेशानी बताते हुए छात्र कहते हैं कि लैब में पढऩे के लिए जाने से पहले धूल हटाना ही बड़ी चुनौती होती है। विद्यालय में एआई कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन हो रहा है, जिसमें भोपाल से बच्चों को पढ़ाया जाता है।

व्यवसायिक शिक्षा : 86 स्कूलों में 6433 छात्र, 15 विषयों की हो रही पढ़ाई-

व्यवसायिक शिक्षा के लिए जिलेभर में 86 स्कूल चिन्हित किए गए हैं, यहां 6 हजार 433 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें कक्षा नवमीं में 3367, दसवीं में 1572, ग्यारहवी में 935 और बारहवीं में 559 छात्र शामिल हैं। इन्हे डोमेस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर, इलेक्ट्रिकल व्हीकल सर्विस अस्टिेंट, जूनियर फील्ड टेक्नीशियन होम अप्लाइंस, सोलेंसेस कार्प कल्टीवेटर, फिजिकल एजुकेशन अस्टिेंट, सिक्यूरिटी गार्ड, होम हेल्थ एड ट्रेनी, सोलर पैनल इंस्टालेशन टैक्नीशियन, जूनियर साफ्टवेयर डेवलपर, रिटेल सेल्स एसोसिएट्स, फ्लोरीकलट्रिस्ट, ब्यूटी थेरेपिस्ट, सेल्फ इम्पलाई टेलर, सीसीटीवी वीडियो फुटेज ऑडिटर, प्लंबर जनरल के क्षेत्र में पारंगत बनाया जा रहा है। चिन्हित विद्यालयों में जिले के 5 विकासखंड के अलग-अलग स्कूल शामिल हैं।

स्कूल सरकारी पर शिक्षक प्राइवेट : व्यवसायिक शिक्षा के नाम शासकीय विद्यालयों में निजीकरण की दस्तक-

शासकीय विद्यालयों में अंदर के रास्ते से निजीकरण ने दस्तक दे दी है। जिलेभर में ऐसे 86 हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में व्यवसायिक शिक्षा के नाम पर बच्चों को पढ़ाने के लिए ठेके पर शिक्षक रखे गए हैं। ये ऐसे शिक्षक हैं जो छात्रों को पढ़ाने का पूरा काम सरकारी शिक्षकों की तरह करते हैं पर कर्मचारी शासकीय नहीं होकर निजी कंपनी के हैं।

लोक शिक्षण संचालानालय ने व्यवसायिक पाठ्यक्रम संचालन के लिए चिन्हित विद्यालयों में वोलेशनल टीचर (वीटी) रखने का निर्णय तो इसके लिए टेंडर निकालकर निजी फर्मों को काम सौंपा है और फर्मों के द्वारा 15 से 20 हजार रूपए मासिक में वीटी रखकर व्यवसायिक पाठ्यक्रम का संचालन करवाया जा रहा है। शहडोल संभागीय मुख्यालय में संचालित रघुराज हायर सेकेंडरी स्कूल में ऐसे वीटी का वेतन दस में नहीं बढ़ा।

Created On :   14 Feb 2025 3:59 PM IST

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