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शहडोल: पानी की तलाश में शहर पहुंचे चीतल की कुत्तों के हमले से मौत
- इस माह की तीसरी मौत, लापरवाही में मैदानी वन अमले पर होगी कार्रवाई
- वन्यप्राणियों की हो रही मौतों को लेकर विन विभाग के मैदानी अमले की गश्ती में कमी जैसी लापरवाही सामने आई है
डिजिटल डेस्क,शहडोल। मौजूदा समय में हीट वेव का असर वन्य प्राणियों में भी हो रहा है। चिलचिलाती गर्मी में पानी के लिए भटक कर चीतल जैसे वन्य प्राणी आबादी की ओर आने लगे हैं, लेकिन उनका यह भटकाव जानलेवा साबित हो रहा है।
बीती रात एक चीतल शहर के स्टेडियम के पास तक आ पहुंचा, जिसे आवारा कुत्तों ने नोच-नोचकर मार डाला। ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मई माह के भीतर की यह तीसरी घटना है, जिसमें पानी की तलाश में शहर पहुंचे तीन चीतल को कुत्तों ने मार डाला।
वन्यप्राणियों की हो रही मौतों को लेकर विन विभाग के मैदानी अमले की गश्ती में कमी जैसी लापरवाही सामने आई है, जिन पर कार्रवाई की जा रही है।
तीन चीतल की मौत शहर में
शहर में घुस आए चीतल की मई महीने में बुधवार-गुरुवार की हुई तीसरी मौत है। बीती रात स्टेडियम के सामने आदिवासी बालक छात्रावास के पास पहुंचे चीतल को आवारा कुत्तों ने शिकार बना लिया।
गुरुवार की सुबह जानकारी के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा और कार्रवाई की। इसके पूर्व मई के प्रथम सप्ताह में पुरानी बस्ती के रिहायशी इलाके में पानी की तलाश में भटक रहे चीतल को कुत्तों निवाला बनाया। तीसरे सप्ताह कोतवाली के पीछे विद्युत मण्डल कालोनी में घुस आए प्यासे चीतल को कुत्तों ने शिकार बना लिया।
ऐसे समझें विभागीय लापरवाही
जानकारी के अनुसार पानी के लिए जो वन्यप्राणी शहर की ओर आ रहे हैं वे ज्यादातर नेशनल पार्क बांधवगढ़ से लगे घुनघुटी वन परिक्षेत्र से आ रहे हैं। जबकि पार्क इलाके में गर्मी के दिनों में पानी की व्यवस्था के लिए लाखों-करोड़ों का बजट खर्च होता है।
वहीं वन सीमा में विभागीय गश्त नहीं होने के कारण वन्य प्राणियों के पलायन की जानकारी वरिष्ट अधिकारियों को नहीं हो पाती। जिसका नतीजा चीतल जैसे प्राणी अपनी जान गंवा रहे हैं।
-वन्यप्राणी घुनघुटी क्षेत्र से शहर की ओर पानी के लिए आ रहे हैं। पार्क एरिया के बाहर पानी आदि जैसी व्यवस्था के प्राधवान नहीं हैं। हां यह जरूर है कि मैदानी अमला प्रापर गश्त करता तो वन्यप्राणियों के आने की सूचना मिल जाती। इस लापरवाही पर संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध एक्शन लेकर नोटिस दी जाएगी।
श्रद्धा पंद्रे, डीएफओ साउथ शहडोल
Created On :   25 May 2024 10:19 AM GMT