एनएच 43: नौ साल में नहीं बनी 73 किलोमीटर सडक़, अब 150 दिन में पूरा करने का टारगेट

नौ साल में नहीं बनी 73 किलोमीटर सडक़, अब 150 दिन में पूरा करने का टारगेट
  • एमपीआरडीसी के कुप्रबंधन का बड़ा उदाहरण शहडोल -उमरिया हाइवे निर्माण
  • सडक़ का काम पूरा नहीं होने से वाहन चालक कष्टदायी सफर को विवश हैं।
  • शहडोल से उमरिया के बीच चार स्थानों पर आरओबी का निर्माण होना है।

डिजिटल डेस्क,शहडोल। नौ साल से बन रही राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 43 में शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर सडक़ निर्माण का काम पूरा करने के लिए नए टारगेट में अब 150 दिन ही शेष हैं।

सूत्रों के अनुसार 16 जुलाई को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में नेशनल हाइवे की समीक्षा बैठक में तय किया गया कि शहडोल से उमरिया के बीच अधूरे पड़े कार्य को पूरा करने के लिए सब ठेकेदार टीबीसीएल (तिरुपति बिल्डकान कंस्ट्रक्शन लिमिटेड) को पैसे की कमी मुख्य ठेकेदार जीवीआर द्वारा पूरा किया जाएगा।

इस काम को हर हाल में 31 दिसंबर तक पूरा करना होगा। बतादें कि शहडोल से उमरिया के बीच हाइवे निर्माण का काम मध्यप्रदेश रोड डेव्लपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) की कुप्रबंधन का बड़ा उदाहरण बन गया है। सडक़ का काम पूरा नहीं होने से वाहन चालक कष्टदायी सफर को विवश हैं।

बड़ा सवाल, कैसे पूरा होगा काम?

एनएचएआई और एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने सडक़ का काम पूरा करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय तो तय किया है पर बड़ा सवाल यह है कि जो काम नौ साल में पूरा नहीं हुआ वह 150 दिन की अवधि में कैसे पूरा हो जाएगा।

इस प्रोजेक्ट में चार आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) का काम शेष है। इसके लिए रेलवे से ब्लॉक लेने के साथ ही गर्डर तैयार करने से लेकर अन्य काम करने होंगे। दिल्ली की बैठक में भले ही 31 दिसंबर तक काम पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन स्पॉट पर काम कुछ भी नहीं हो रहा है। यानी यहां भी जमीनी हकीकत सरकारी दावों के उलट है।

ऐसे बना रिकॉर्ड लेटलतीफी का उदाहरण

2015 में सडक़ निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद लगातार काम में लेटलतीफी हुई। 2021 में पहला, 2022 में दूसरा और तीसरा एक्सटेंशन 31 दिसंबर 2023 तक के लिए दिया गया था। इस बार चौथे एक्सटेंशन में 31 दिसंबर 2024 तक काम पूरा करने कहा गया है।

शहडोल से उमरिया के बीच चार स्थानों पर आरओबी का निर्माण होना है। इसमें घुनघुटी के समीप मोर्चा फाटक, पाली, नौरोजाबाद और अमहा फाटक शामिल हैं। इसके अलावा शहडोल से रीवा मार्ग पर वीयूपी (व्हीकल अंडर पास) का काम भी शेष है।

333 करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट में लगभग 290 करोड़ रूपए का भुगतान हो गया है। एमपीआरडीसी के डीएम आशीष पटेल के अनुसार 37 करोड़ रूपए का काम शेष है।

Created On :   6 Aug 2024 11:23 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story