शहडोल: जैविक खेती के नाम पर सवा दो करोड़ रूपए का घोटाला

  • कलेक्टर ने राज्य शासन को भेजा डीडीए के निलंबन का प्रस्ताव
  • डीएमएफ से प्रदत्त बजट में बड़ा भ्रष्टाचार
  • कल ही पूरे मामले के संबंध में जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।

डिजिटल डेस्क,अनूपपुर। जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 में डीएमएफ (डिस्ट्रिक मिनरल फंड) से कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग को 7 करोड़ रूपए आबंटित किया गया तो इसमें 2 करोड़ 29 लाख 9 हजार 972 रूपए का भ्रष्टाचार हो गया। कलेक्टर अनूपपुर द्वारा अपर कलेक्टर अमन वैष्णव के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम से जांच करवाने पर गड़बड़ी की पुष्टि हुई।

इस पर 16 जुलाई को अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय को जांच प्रतिवेदन भेजकर कृषि उपसंचालक एनडी गुप्ता से दो करोड़ 29 लाख की वसूली के साथ ही विभागीय जांच एवं निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की है।

बता दें कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 5 हजार किसानों को लाभान्वित किया जाना था। जिनमें से 2 हजार किसानों को वर्मी बेड, केंचुए, शेड नेट तथा एनजीओ के माध्यम से कृषकों को प्रशिक्षण भी दिया जाना था।

इस पर 2 करोड़ 90 लाख रुपए खर्च किए गए। इसी तरह शेष 3 हजार किसानों को खेती के लिए अत्याधुनिक उपकरण एवं प्रशिक्षण भी दिया जाना था जिसके लिए प्रत्येक कृषक के मान से 9 हजार 770 रुपए स्वीकृत किए गए थे।

जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के नाम पर औपचारिकता निभाकर राशि का बंदरबांट किया गया। वर्ष 2023 में इस पूरे मामले की शिकायत दीपक मिश्रा द्वारा आर्थिक अपराध शाखा में भी की गई थी।

कागजों में मृदा परीक्षण

योजना में भ्रष्टाचार का आलम यह रहा कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कागजों में ही मृदा परीक्षण कराया गया। जिसके लिए बायोटिक संस्था को करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया। अपर कलेक्टर द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आया कि किसानों के द्वारा स्वयं ही खेत की मिट्टी को प्रयोगशाला तक पहुंचाया गया था।

जिसकी रिपोर्ट भी किसानों को नहीं मिली, वहीं आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने कृषि विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की सामग्री का वितरण किसानों को नहीं किए जाने की बात कही।

इनका कहना है

कल ही पूरे मामले के संबंध में जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।

किरन कीरो डीएसपी, ईओडब्ल्यू रीवा

जांच प्रतिवेदन प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी।

एम सेल्वेंद्रम डायरेक्टर, किसान कल्याण तथा कृषि विभाग, भोपाल

Created On :   19 July 2024 4:58 PM IST

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