Seoni News: नपा अध्यक्ष को नोटिस का जवाब देने मिला 15 दिन का अतिरिक्त समय, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का मामला, जांच प्रतिवेदन भी मांगा

नपा अध्यक्ष को नोटिस का जवाब देने मिला 15 दिन का अतिरिक्त समय, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का मामला, जांच प्रतिवेदन भी मांगा
  • नपा अध्यक्ष को नोटिस का जवाब देने मिला 15 दिन का अतिरिक्त समय
  • भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का मामला
  • जांच प्रतिवेदन भी मांगा

Seoni News: नगर पालिका में नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर किए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय और मिल गया है। जांच समिति द्वारा प्रतिवेदन पेश किए जाने के पश्चात इसी माह मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव आरके कार्तिकेय ने नपा अध्यक्ष खान को मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क व अन्य धाराओं के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब तलब किया था। उन्हें नोटिस का जवाब 19 अक्टूबर तक देना था। जानकारी के अनुसार नपा अध्यक्ष खान के अधिवक्ता संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल में उपस्थित हुए और जांच समिति द्वारा पेश जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराने व जवाब देने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग की गई। नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान ने बताया कि उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है। समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर नोटिस का जवाब तैयार किया जाएगा।

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सीएमओ-उपयंत्रियों की विभागीय जांच

मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर गठित की गई जांच समिति की जांच में नगर पालिका में विभिन्न खरीदी, टेंडर में भारी गड़बड़ी किया जाना उजागर हुआ है। इस मामले में सीएमओ रामकुमार कुर्वेती, तत्कालीन सीएमओ पूजा बुनकर, उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी, उपयंत्री वंदना मरकाम, उपयंत्री बिन्देश्वरी पन्द्रे, उपयंत्री विकास मेहरा तथा तत्कालीन उपयंत्री दीपक उइके के खिलाफ विभागीय जांच शुरु हो गई है। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त भरत यादव ने आदेश जारी कर 15 दिन के भीतर प्रतिवाद पेश करने के निर्देश दिए हैं। सभी के खिलाफ मध्यप्रदेश सिविल सेवा(वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 14 के अंतर्गत विभागीय जांच प्रस्तावित की गई है। विभिन्न खरीदी में निविदा प्रक्रिया के नियमों को ताक पर रखकर शासन को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं।

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Created On :   22 Oct 2024 12:21 PM GMT

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