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Seoni News: रेलवे ने जिस भूमि को अधिग्रहित किया, उसी का कर दिया विक्रय
- केवलारी पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण, तीन महिलाओं को बनाया आरोपी
- पुलिस ने आरोपी महिलाओं की तलाश शुरू कर दी है।
- तीन में से दो मंडला तथा एक छिंदवाड़ा जिले की रहने वाली बताई जा रही हैं।
Seoni News: केवलारी के ग्राम डोभ में रेलवे द्वारा अधिग्रहित 0.5 हेक्टेयर भूमि का विक्रय किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में केवलारी निवासी कीर्ती पति तरूण साहू की रिपोर्ट पर पुलिस ने तीन महिलाओं के खिलाफ धारा 419,420,467,468,471,34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया है। पुलिस ने आरोपी महिलाओं की तलाश शुरू कर दी है। तीन में से दो मंडला तथा एक छिंदवाड़ा जिले की रहने वाली बताई जा रही हैं।
इस संबंध में केवलारी थाना प्रभारी विक्की धुर्वे से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बताया कि रेलवे द्वारा अधिगृहित 0.5 हेक्टेयर भूमि का विक्रय किए जाने के मामले में तीन महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है। जानकारी के अनुसार प्रार्थी महिला द्वारा इस संबंध में न्यायालय में परिवाद भी प्रस्तुत किया गया था, जिस पर न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी केवलारी द्वारा अनावेदकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध करने संबंधी आदेश पारित किया गया था।
वर्ष 2013 में हुआ था अधिग्रहण
जानकारी के अनुसार मंडला फोर्ट-सिवनी-छिंदवाड़ा ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट की घोषणा के बाद रेलवे द्वारा जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। वर्ष 2013 में ग्राम डोभ स्थित खसरा नंबर 431 रकबा 0.44 हेक्टेयर भूमि में से 0.05 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई थी। रेलवे द्वारा विधिवत इसका मुआवजा भी प्रदान किया गया। 3 मार्च 2013 को अधिग्रहण की अधिसूचना मप्र राजपत्र 6 दिसंबर 2013 को प्रकाशित की गई थी।
जिस 0.44 हेक्टेयर भूमि में से 0.05 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण रेलवे द्वारा किया गया था, वह पुलिस द्वारा आरोपी बनाई गई महिलाओं की ही थी, जो आपस में रिश्तेदार बताई जा रही हैं। भूमि के अधिग्रहण की जानकारी होने के बावजूद उसे कूटरचना व धोखाधड़ी करते हुए प्रार्थी महिला को विक्रय कर दिया गया।
5 साल बाद हुआ उजागर
पुलिस द्वारा आरोपी बनाई गई तीन महिलाओं व उनमें से एक के पति सुनील कुमार जंघेला(अब जीवित नहीं) के द्वारा कीर्ती साहू को पैसे की आवश्यकता होने की बात कहते हुए रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि का विक्रय किया गया। 13 फरवरी 2015 को विधिवत रजिस्ट्री भी करा ली गई। ब्रॉडगेज परियोजना के काम के दौरान फरवरी 2020 में रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि पर कार्य प्रारंभ किया गया, तो सामने आया कि उक्त भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2013 में ही किया जा चुका है और 19 जून 2014 को भूअर्जन अधिकारी केवलारी से मुआवजा भी आरोपियों को जारी किया जा चुका है।
पुलिस से की गई थी शिकायत
प्रार्थी महिला ने 5 फरवरी 20 में केवलारी थाना में धोखाधड़ीपूर्वक रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि का उसे विक्रय किए जाने की लिखित शिकायत केवलारी थाना में की गई थी। वहीं अनुविभागीय अधिकारी/भूअर्जन अधिकारी केवलारी को शिकायत दर्ज कराकर दाण्डिक कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन अधिकारिता ना होना कहते हुए आवेदन अपास्त कर दिया गया था।
इसके बाद न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया। फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने प्रथम दृष्टया धारा 419,420,467,468,471/ 34 भादवि के तहत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आने के कारण आरोपियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई किए जाने का आदेश पारित किया है, जिसके आधार पर प्रार्थी महिला ने थाना में प्रकरण दर्ज कराया है।
इनका कहना है-
रेलवे द्वारा ग्राम डोभ में वर्ष 2013 में अधिग्रहित भूमि को बेचने के मामले में तीन महिलाओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। केवलारी पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
- आशीष भराडे, एसडीओपी, केवलारी
Created On :   11 Jan 2025 4:50 PM IST