विरोध प्रदर्शन: काली पट्टी बांधकर निकाली रैली, नहीं दी स्वास्थ्य सेवाएं, कोलकाता में रेजिडेंस डॉक्टर की हत्या को लेकर विरोध

काली पट्टी बांधकर निकाली रैली, नहीं दी स्वास्थ्य सेवाएं, कोलकाता में रेजिडेंस डॉक्टर की हत्या को लेकर विरोध
  • काली पट्टी बांधकर निकाली रैली, नहीं दी स्वास्थ्य सेवाएं
  • कोलकाता में रेजिडेंस डॉक्टर की हत्या को लेकर विरोध

डिजिटल डेस्क, सिवनी। कोलकाता में रेजिडेंस डॉक्टर की हत्या के विरोध में शनिवार को आईएमए (इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन) के सदस्यों व प्राइवेट डॉक्टरों ने आक्रोश जताया। उन्होंने काली पट्टी बांधकर रैली निकाली। हालात यह रहे कि प्राइवेट अस्पतालों व क्लीनिकों में डॉक्टरों ने सेवाएं नहीं दी। वहीं जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में संविदा और पीजीएमओ(पोस्ट ग्रेज्युएट मेडिकल ऑफिसर) के अलावा आरबीएसके व ट्यूटर्स डॉक्टरों की सेवाएं ली गई। हालांकि इस दौरान कहीं से भी कोई विवाद या किसी प्रकार की घटना की कोई खबर नहीं मिली।

आईएमएम की सूचना पर लगी ड्यूटी

आईएमए ने १५ अगस्त को ही स्वास्थ्य विभाग के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दे दी थी कि वे १७ अगस्त की सुबह छह से १८ अगस्त की सुबह छह बजे तक अपने चिकित्सीय कार्य से विरत रहेंगे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने आनन फानन में संविदा के अलावा अन्य डॉक्टरों को पत्राचार कर उनकी ड्यूटी लगाई। जहां जो डॉक्टर थे उन्हे तत्काल हाजिर होने को कहा गया था।

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डॉक्टरों ने निकाली रैली

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर दोपहर एक बजे जिला अस्पताल से रैली निकाली। रैली कचहरी चौक से होकर वापस जिला अस्पताल पहुुंची। डॉक्टरों तख्ती लेकर चले जिसमें उन्होंने कोलकाता की घटना में उचित न्याय की मांग की। आईएमए के सदस्यों ने कोलकाता में लेडी डॉक्टर की हुई हत्या को बहुत क्रूरतम बताया। उनका कहना था कि इस मामले में उचित जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर उन्हें सख्त सजा दी जाए।

प्राइवेट और आयुष डॉक्टर भी आगे आए

आईएमए के इस विरोध प्रदर्शन में जिले के प्राइवेट डॉक्टरों ने भी समर्थन देते हुए आक्रोश जताया। अंबेडकर चौक में जिला प्राइवेट चिकित्सक एसोसिएशन के अलावा प्रांतीय जन स्वास्थ्य रक्षक कल्याण संगठन, ग्रामीण प्राथमिक चिकित्सक और आरोग्य मित्र ने घटना को लेकर आक्रोश जताया। साथ ही लेडी डॉक्टर को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं दूसरी और आयुष विभाग के आयुष डॉक्टरों ने भी अपना समर्थन देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं से किनारा किया। आयुष चिकित्सालयों में पैरामेडिकल का स्टाफ तैनात किया गया। जिले में २२आयुष चिकित्सों ने कोलकाता की घटना का विरोध किया।

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ओपीडी में बढ़ गई भीड़

निजी क्लीनिक और अस्पतालों में डॉक्टरों के नहीं होने से सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ गई। जिला अस्पताल में शनिवार को जहां आमतौर २५० से ३०० मरीज आते थे, लेकिन विरोध प्रदर्शन के दिन शनिवार को ५०० से ६०० मरीज ओपीडी में आए। शाम की ओपीडी में भी मरीज अधिक रहे। हालांकि पहले ही इमरजेंसी सेवाओं के लिए डॉक्टरों की तैनाती कर दी गई थी। जिला अस्पताल में हंगामे या किसी मरीज के गंभीर होने की घटना नहीं हुई।

इन डॉक्टरों की लगी ड्यूटी

जानकारी के अनुसार पीजीएमओ व संविदा के १४, एनएचएएम के नौ, आरबीएसके के २४, मेडिकल कॉलेज के १४ ट्यूटर्स डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी। जबकि आईएमए के ७० सदस्य कार्य से विरत रहे।

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इनका कहना है

डॉक्टरों के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओ से विरत रहने की स्थिति को देखते हुए पहले ही सभी व्यवस्थाएं कर ली गई थी। कहीं पर भी कोई समस्या नहीं आई है।

डॉ जयपाल सिंह ठाकुर, सीएमएचओ, सिवनी

Created On :   18 Aug 2024 3:19 AM GMT

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