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Satna News: ड्राइवर की मौत से सामने आई इजिस इंडिया की बड़ी लापरवाही
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- अधूरी सीवर लाइन पर कैसे बन गई सीसी रोड!
- निगमायुक्त ने दिए जांच के आदेश
- सवाल है कि इस मामले में सीवर प्रोजेक्ट की पीडीएमसी इजिस इंडिया निगमायुक्त के जांच के दायरे में क्यों आ गई है?
Satna News: सिटी कोतवाली अंतर्गत निशांत विहार में 18 फीट गहरे गडढ़े में चैन माउंटेन समेत गिरने से हुई एक ड्राइवर मुनीश तिवारी की मौत के बाद यह सच सामने आया है कि चेंबर समेत 17 मीटर अधूरी सीवर लाइन के बाद भी उस पर नगर निगम ने सीसी रोड बना दी गई थी। यह सडक़ नगर निगम के 37.91 करोड़ के उस रोड पैकेज का हिस्सा है, जिसके तहत शहर के अंदर 60 किलोमीटर लंबी सडक़ें बनाई जानी हैं।
प्रथम दृष्टया यह तथ्य सामने आया कि अगर अधूरी सीवर पर रोड वर्क नहीं होता तो यह जानलेवा हादसा नहीं होता। निगमायुक्त शेरसिंह मीना के मुताबिक इस संबंध में जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में सीवर प्रोजेक्ट की प्रोजेक्ट डेवलपमेंट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीडीएमसी) इजिस इंडिया की जिम्मेदारियां भी तय की जाएगी। उधर, हादसे में मृत ड्राइवर के आश्रितों को पीसी स्नेहिल ने 5 लाख की सहायता राशि दी है। निगम प्रशासन ने शासन की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
आखिर, घेरे में क्यों आई पीडीएमसी
सवाल है कि इस मामले में सीवर प्रोजेक्ट की पीडीएमसी इजिस इंडिया निगमायुक्त के जांच के दायरे में क्यों आ गई है? जानकारों ने बताया कि सीवर लाइन के निर्माण में सर्वे, ड्राइंग डिजाइन, प्रोग्रामिंग, सेफ्टी और क्वालिटी कंट्रोल का सुपरविजन, मेजरमेंट और बिलिंग करने के साथ नगर निगम और निर्माण कंपनी के बीच निरंतर समन्वय बनाए रखने की जिम्मेदारी इसी इंजिस इंडिया के आरई पंकज श्रीवास्तव की थी। मगर, आरोप है कि आफिस में बैठ कर कागजी सुपरविजन के चलते निशांत विहार में चेंबर समेत 17 मीटर अधूरी सीवर लाइन के बाद भी सीसी रोड ढाल दी गई। यहां वर्ष 2018 से सीवर प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रही इंजिस इंडिया के आरई ने सच जानने की बाद भी चुप्पी साधे रखी।
उन्होंने न तो अधूरे सीवर वर्क के बाद भी न तो रोड निर्माण पर आपत्ति की और न ही इस संबंध में निर्माण कंपनी और नगर निगम के बीच समन्वय बनाया। निगमायुक्त की जांच प्रमुखत: इस प्रश्न पर केंद्रित है कि अधूरी सीवर लाइन पर सीसी रोड कैसे बना दी गई?
किसके खाते में जाएगा रेस्टोरेशन का खर्च
एक बड़ा सवाल यह भी है कि अधूरी सीवर लाइन पर महज 2 माह पहले सीसी रोड ढालने के बाद अब इसी नई सडक़ को तोडक़र किए जाने वाले रोड रेस्टोरेशन का खर्च आखिर कौन बर्दाश्त करेगा? क्या, यह खर्च घोर लापरवाही के लिए जिम्मेदार पीडीएमसी इजिस इंडिया के हिस्से में जाएगा? या पीडीएमसी के इस कृत्य की सजा नगर निगम के उस ठेकेदार को भुगतनी होगी, जिसने सडक़ बनाई थी? या फिर स्वयं सीवर निर्माण कंपनी पीसी स्नेहिल के हिस्से में यह व्यय जाएगा? जानकारों के मुताबिक जांच में यह जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
इनका कहना है
जांच के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में सीवर प्रोजेक्ट की पीडीएमसी इजिस इंडिया की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
शेर सिंह मीना, निगमायुक्त
Created On :   24 Feb 2025 12:49 PM IST