Satna News: एएआई ने पीडब्ल्यूडी से मांगी अपनी जमीन, भूमि जिस पर फोरलेन बायपास के लिए हो चुका है 58 करोड़ का वर्क आर्डर

एएआई ने पीडब्ल्यूडी से मांगी अपनी जमीन, भूमि जिस पर फोरलेन बायपास के लिए हो चुका है 58 करोड़ का वर्क आर्डर
  • 30 करोड़ की लागत से बनाए गए एयरपोर्ट को डीजीसीए से पिछले साल दिसंबर में 19 सीटर प्लेन उड़ाने का लाइसेंस मिला था।
  • भूमि के अंश भाग पर अभी 7 मीटर चौड़ा टू लेन सतना-मैहर बाईपास संचालित है।
  • एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई आखिर क्यों घटाई गई? जानकारों के मुताबिक पहले इस एयर स्ट्रिप की लंबाई 1840 मीटर थी

Satna News: उड़ान भरने से पहले ही यहां सियासी अखाड़ा बन चुके तकरीबन 30 करोड़ के एयरपोर्ट का अड़ंगा अब फैल कर 58 करोड़ के वर्क आर्डर पर प्रस्तावित सतना-मैहर फोरलेन बायपास तक पहुंच गया है। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक एएआई (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख कर फोरलेन बायपास के अंश भाग पर स्वयं के स्वामित्व का दावा करते हुए अपनी जमीन मांगी है। एयरपोर्ट के भावी एक्सटेंशन का तर्क देते हुए नभ विभाग ने पीडब्ल्यूडी को बाईपास शिफ्ट करने का सुझाव भी दिया है।

एयरपोर्ट : 3 माह से हवा में है उड़ान

30 करोड़ की लागत से बनाए गए एयरपोर्ट को डीजीसीए से पिछले साल दिसंबर में 19 सीटर प्लेन उड़ाने का लाइसेंस मिला था। मगर, लाइसेंस मिलने के लगभग 3 माह बाद भी यहां से उड़ान हवा हवाई है। इस बीच 9 सीटर प्लेन उड़ाने के 2 शेड्यूल भी जारी हुए मगर रनवे की लंबाई घटाने के सियासी समर में दोनों शेड्यूल अंतत: कैंसिल कर दिए गए। अब नभ विभाग ने पीडब्ल्यूडी के कब्जे वाली बायपास की जमीन मांग कर नई पेंच फंसा दी है। हालांकि इस मसले पर फिलहाल पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने चुप्पी साध ली है।

150 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा

मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हैं। यूं हो एयरपोर्ट अथॉरिटी के स्वामित्व में 452 एकड़ जमीन है। मगर इसमें से 150 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा है। मौजूदा समय में नभ विभाग के पास 300 एकड़ भूमि है। इसी भूमि के अंश भाग पर अभी 7 मीटर चौड़ा टू लेन सतना-मैहर बाईपास संचालित है।

10 एकड़ पर नगर निगम का डंपिंग यार्ड

इसी हवाई अड्डे के दक्षिणी हिस्से से लगा हुआ नगर निगम का कचरा डंपिंग यार्ड भी है। 10 एकड़ पर विस्तृत इस डंपिंग यार्ड को पिछले एक साल से कहीं और शिफ्ट करने की कवायद एक साल से सिर्फ भाषणों पर चल रही है। कचरे के ढेर और मरे मवेशियों को यहीं दबाने के कारण कुत्ते,चील और कौवे एक बड़ी मुसीबत हैं।

आखिर, क्यों घटाई रनवे की लंबाई

एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई आखिर क्यों घटाई गई? जानकारों के मुताबिक पहले इस एयर स्ट्रिप की लंबाई 1840 मीटर थी, मगर इसे एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने पर रनवे की लंबाई घटाकर 1200 मीटर कर दी गई। असल में डीजीसीए के सर्वे में पाया गया कि एयर स्ट्रिप की लंबाई पहले जैसी रखने की स्थिति में रखते हुए यदि 19 सीटर क्षमता से ज्यादा के प्लेन उतारे जाते हैं तो हवाई अड्डा क्षेत्र में पहले से मौजूद 200 से भी ज्यादा स्ट्रक्चर कभी भी किसी बड़ी अनहोनी की वजह बन सकते हैं। इतना ही नहीं यदि रनवे 1800 मीटर रखा जाता है तो टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए इसके अलावा भी कम से कम 500 मीटर अतिरिक्त स्थान की आवश्यकता होगी। जानकार बताते हैं कि लैंडिंग के दौरान प्लेन की रफ्तार लगभग 250 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।

18 माह है फोरलेन बाईपास बनाने की टाइम लिमिट

लागत: 58 करोड़

वर्क आर्डर : फरवरी 2025

लंबाई : 8 किलोमीटर

चौड़ाई : 20 मीटर

डिवाइडर : 1.5 मीटर

ब्रिज : 120 मीटर

निर्माण एजेंसी: पीडब्ल्यूडी

Created On :   1 April 2025 2:05 PM IST

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