जुर्म: जनवरी के अंतिम सप्ताह में गांव से मैहर के लिए निकले थे मां-बेटे, सीधी से आए परिजनों ने की शिनाख्त, मैहर पहाड़ी में मिले थे शव

जनवरी के अंतिम सप्ताह में गांव से मैहर के लिए निकले थे मां-बेटे, सीधी से आए परिजनों ने की शिनाख्त, मैहर पहाड़ी में मिले थे शव
  • जनवरी में गांव से मैहर के लिए निकले थे मां-बेटे
  • सीधी से आए परिजनों ने की शिनाख्त
  • मैहर पहाड़ी में मिले थे शव

डिजिटल डेस्क, सतना। मैहर की देवी जी पहाड़ी के जंगल में रविवार शाम को मिले तीनों शव सीधी जिले के चुरहट थाना अंतर्गत रामगढ़ निवासी शेषमणि साकेत की पत्नी छोटकी साकेत (56) और दोनों बेटों राजकुमार साकेत (30) एवं दीपक साकेत (28) के ही हैं। देर रात को मैहर पहुंची मृतिका की ननद कुसुमकली साकेत और भतीजे भोला साकेत ने कपड़ों से उनकी शिनाख्त की है, जिसके बाद सोमवार सुबह आवश्यक कार्रवाई के बाद तीनों क्षत-विक्षत शव पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज सतना लाए गए। पहचान प्रमाणित करने के लिए डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा। घटना स्थल और क्षत-विक्षत लाशों का बारीकी से मुआयना करने के बाद पुलिस व फॉरेंसिक के एक्सपर्ट प्रथम दृष्टया फांसी लगाकर खुदकुशी की संभावना जता रहे हैं। हालांकि मौत के कारणों और समय की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद हो पाएगी। तीनों शवों के कई हिस्से गायब हैं। बहरहाल सभी पहलुओं की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। पुलिस की एक टीम मृतकों के गांव भी भेजी गई है। तंत्र-मंत्र के फेर में खुदकुशी के संदेह को भी खारिज नहीं किया गया है। इस घटना से रामगढ़ में मातम पसर गया है।

और ऐसे मिला सुराग

एसपी सुधीर अग्रवाल ने बताया कि रविवार शाम को तकरीबन 5 बजे क्षत-विक्षत शव देखे जाने की सूचना पर पुलिस और फॉरेंसिक की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल प्रारंभ की तो महिला की लाश के पास एक छोटा पर्स मिला, जिसमें सीधी के ज्वेलर का नाम-पता लिखा था। इस आधार पर दुकानदार से सम्पर्क करने के साथ सीधी पुलिस को भी खबर दी गई, तो वहीं शव मिलने की सूचना पर मंदिर क्षेत्र में प्रसाद की दुकान लगाने वाला एक व्यापारी भी सामने आया, जिसमें कुछ दिन पहले तीन लोगों की तलाश में सीधी से आए एक व्यक्ति का फोन नम्बर उपलब्ध कराया। उक्त नम्बर पर सीधी के चुरहट थाना अंतर्गत रामगढ़ निवासी शेषमणि साकेत से सम्पर्क हुआ, जिसको मृतकों के फोटो भेजे गए तो उसने कपड़ों से उनकी शिनाख्त पत्नी और दोनों बेटों के रूप में कर ली, लेकिन अस्थमा से पीड़ित होने के चलते वह मैहर आने में असमर्थ था, ऐसे में शेषमणि ने बहन और भतीजे को भेज दिया। उसने एक फोटो भी उपलब्ध कराई, जिसमें पत्नी और बेटे उन्हीं कपड़ों में थे, जिनमें तीनों के शव मिले।

अक्सर आते मैहर और लंबे समय तक रुकते

परिजनों से पूछताछ में पता चला कि छोटकी और उसके दोनों बेटे राजकुमार व दीपक मां शारदा के भक्त थे, तीनों लोग अक्सर मैहर आते और 15 से 20 दिन तक यहां रुकते थे। पेशे से मजदूरी करने वाले परिवार के तीनों सदस्य काम के सिलसिले में भी यहां रुक जाते थे। ऐसे में जब 30 जनवरी 2024 को मैहर जाने की बात कहकर निकले तो किसी को कुछ संदेह नहीं हुआ। 1 फरवरी को आखिरी बार शेषमणि के बेटों से बात हुई थी, इसके बाद दोनों के फोन बंद बताने लगे। उनके लंबे समय तक वापस नहीं जाने पर भी परिजन यह मानकर निश्चिंत रहे कि पूर्व की तरह लौट आएंगे। अलबत्ता 3-4 महीने के बाद एक दफा तलाश करने मैहर जरूर आए थे, परंतु उनके नहीं मिलने पर वापस चले गए, परिवार ने गुमशुदगी भी नहीं दर्ज कराई थी।

Created On :   17 Jun 2024 10:56 PM IST

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