मध्यप्रदेश: नकली नोटों की तस्करी में सामने आया ग्वालियर जेल का कनेक्शन आर्थिक तंगी से बाहर निकलने आरोपियों ने बनाया था प्लान

नकली नोटों की तस्करी में सामने आया ग्वालियर जेल का कनेक्शन  आर्थिक तंगी से बाहर निकलने आरोपियों ने बनाया था प्लान
  • नकली नोटो की तस्करी मामले में नया कनेक्शन
  • 60 हजार की असली नोटों के बदले मिली 2 लाख की जाली करेंसी
  • हाइवे की दुकानों में खपाए 74 सौ के नोट

डिजिटल डेस्क, सतना। नकली नोटों के जखीरे के साथ पकड़े गए हिस्ट्रीशीटर सौरभ सिंह तोमर पुत्र राघवेन्द्र सिंह 28 वर्ष, निवासी मुरैना, हाल ग्वालियर, लगभग डेढ़ साल पहले एक अपराध में गिरफ्तार होकर जेल गया था। तब उसकी मुलाकात मधुबनी के रक्सिलवा निवासी भाईजान से हुई थी, जो नकली नोट खपाने के मामले में बंद था। ग्वालियर जेल में ही दोनों के बीच गाढ़ी दोस्ती हो गई थी। ऐसे में जब जेल से बाहर आने के बाद कमाई का कोई जरिया नहीं मिला और आर्थिक तंगी बढ़ती गई तो पुराने साथी अंकित कुशवाहा उर्फ गुड्डू पटेल पुत्र नेतराम कुशवाहा 25 वर्ष, निवासी गढ़ापुरा और आशीष सिंह राजपूत पुत्र महेन्द्र सिंह 26 वर्ष, निवासी झोझी, जित्तू उर्फ जीतेन्द्र सिंह पटेल निवासी भेड़ाघाट-जबलपुर, से नकली नोट खपाकर पैसे कमाने का प्लान साझा किया, जिस पर सभी मान गए। अंकित भी महाराष्ट्र के नागपुर में लूट की वारदात को अंजाम देकर फरार चल रहा था, ऐसे में उसे भी पैसों की बहुत जरूरत थी।

60 हजार की असली नोटों के बदले मिली 2 लाख की जाली करेंसी

प्लान के मुताबिक सौरभ ने भाईजान से सम्पर्क किया, जिसने 30 हजार के असली नोटों के बदले 1 लाख की जाली करेंसी उपलब्ध कराने की बात कही, तो आरोपी मान गए और 60 हजार रुपए लेकर कार क्रमांक एमपी 20 सीई 1939 से बिहार के लिए रवाना हो गए। नेपाल बॉर्डर से लगे रक्सिलवा गांव में नकली नोटों के सौदागर भाईजान ने वादे के मुताबिक असली नोट लेकर 2 लाख के जाली नोट पकड़ा दिए, जिसे लेकर आरोपी लौट रहे थे, तभी मुखबिर की सूचना पर मैहर पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया, मगर एक आरोपी जीतेन्द्र पटेल चकमा देकर भाग निकला। पकड़े गए सभी आरोपी हिस्ट्रीशीटर हैं। अंकित के खिलाफ जबलपुर, नागपुर समेत कई जगह तीन दर्जन से ज्यादा अपराध दर्ज हैं तो सौरभ शातिर अपराधी है। अन्य आरोपियों के अपराधिक रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।

हाइवे की दुकानों में खपाए 74 सौ के नोट

पुलिस रिमांड के दौरान चल रही पूछताछ में तीनों आरोपियों ने यह खुलासा करते हुए बताया कि बिहार से नोट लेकर जबलपुर के लिए रवाना होने के बाद हाइवे पर खुली छोटी-छोटी दुकानों में 100-200 के नोट देकर 10-20 रुपए का सामान लेते हुए 74 सौ के नोट खपाने में सफल रहे। मैहर एसडीओपी राजीव पाठक ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में अभी और खुलासे होने की उम्मीद है। जल्द ही एक टीम नोटों के सप्लायर की तलाश में बिहार के मधुबनी भी जाएगी। पुलिस ने आरोपियों से जब्त तीनों मोबाइल फोन में सुरक्षित नंबरों और सोशल मीडिया कलेक्शन की भी पड़ताल साइबर सेल की मदद से शुरू कर दी है।

Created On :   13 Sept 2023 6:27 PM IST

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