हाहाकार: 2 घंटे में साढ़े 3 इंच बारिश, 964 करोड़ की स्मार्ट सिटी पानी-पानी

  • 214.41 करोड़ के 4 बड़े प्रोजेक्ट फिर भी ध्वस्त है ड्रेनेज सिस्टम, सभी काम अधूरे
  • स्मार्ट सिटी के 7 वर्ष: सिर्फ बातें, बड़ी-बड़ी
  • जानकारों की मानें तो शहर का ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त हो चुका है।

डिजिटल डेस्क, सतना। जिला मुख्यालय में 2 घंटे के दौरान हुई तकरीबन साढ़े 3 इंच बारिश से गुरुवार को स्मार्ट सिटी पानी-पानी हो गई। गंदगी से पटी नालियों के कारण समूचे शहर की सडक़ों पर गंदे पानी का सैलाब उफान पर आ गया। बारिश का गंदा पानी कहीं घरों तो कहीं दुकानों पर घुस गया।

जिधर देखो-उधर, दूर-दूर तक पसरे लंबे जाम ने मुसीबत और भी बढ़ा दी। हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि शहर के पूर्वी हिस्से को पश्चिमी भाग से जोडऩे वाले दोनों प्रमुख सडक़ संपर्क मार्ग फंस कर रह गए।

एक तरफ जहां पन्ना-रीवा मुख्य सडक़ मार्ग पर स्थित बूढ़े ओवर ब्रिज पर ट्रैफिक फंसा, वहीं प्रेमनगर अंडर ब्रिज पर पानी के बहाव ने राहगीरों की हिम्मत तोड़ दी।

शर्मसार करती तस्वीरों के बाद भी जिम्मेदारों की सेहत पर फर्क नहीं

964 करोड़ की स्मार्ट सिटी में नागरिक सुविधाओं के सवाल पर शर्मसार करती इन दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीरों के बाद भी जिम्मेदारों की सेहत पर कोई फर्क नहीं है। स्मार्ट सिटी और नगर निगम के चट्टे-बट्टे भूमिगत होकर रह गए। जानकारों की मानें तो शहर का ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त हो चुका है।

जबकि इसी ड्रेनेज सिस्टम के नाम पर 214.41 करोड़ के 4 बड़े प्रोजेक्ट बनाए गए थे। सनसनीखेज यह है कि 7 वर्ष बाद भी इनमें से एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है। यह अलग बात है कि मौके पर काम के मुकाबले वित्तीय प्रगति गंदे पानी की तरफ उफान पर है।

स्मार्ट सिटी के 7 वर्ष: सिर्फ बातें, बड़ी-बड़ी

जानकार याद दिलाते हैं कि सतना शहर को स्मार्ट सिटी की सौगात वर्ष 2017 में मिली थी, मगर तब से अब तक इस शहर के बहुमुखी विकास की बड़ी -बड़ी बातें महज कागजों पर चल रहीं है।

यही बातें जब-तब सरकारी बैठकों में आती हैं और फिर हवा में उड़ जाती हैं। ऐस ही दावे हैं कि स्मार्ट सिटी के फंड से 369.15 करोड़ के 545.86 करोड़ के सिर्फ 24 काम ही प्रगति पर हैं। मगर इन कागजी दावों में कितना दम है। इस तथ्य का अंदाजा शहर को जलजमाव से बचाने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कथित तौर पर चल रहे इन 4 नमूनों से समझा जा सकता है

फैक्ट फाइल

नगर निगम है निर्माण एजेंसी

(10 जुलाई 2024 की स्थिति में)

प्रोजेक्ट-1

20 किलोमीटर लंबे छोटे नालों का विकास

लागत

24.4 करोड़

प्रगति : 95 प्रतिशत

वित्तीय प्रगति : 90 प्रतिशत

प्रोजेक्ट-2

नालियों एवं मुख्य सडक़ों का विकास

लागत : 48.72 करोड़

प्रगति : 65 प्रतिशत

वित्तीय प्रगति : 55 प्रतिशत

प्रोजेक्ट-3

तीन बड़े नालों की लाइनिंग एवं पुनर्विकास

लागत: 102.65 करोड़

प्रगति : 80 प्रतिशत

वित्तीय वित्तीय प्रगति : 75 प्रतिशत

प्रोजेक्ट-4

बाजार क्षेत्र में नाली-रोड और इलेक्ट्रिकल ट्रंच

लागत : 39 करोड़

प्रगति : 50 प्रतिशत

वित्तीय प्रगति: 29 प्रतिशत

सामान्य से 100 एमएम ज्यादा बरसात

Created On :   26 July 2024 4:12 PM IST

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