New Delhi News: रत्नागिरी जिले के करडे गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार, सरकारी ई-मार्केटप्लेस का भी जलवा

रत्नागिरी जिले के करडे गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार, सरकारी ई-मार्केटप्लेस का भी जलवा
  • एचआर लीडरशिप काउंसिल कनेक्ट’ में कौशल विकास पर हुई चर्चा
  • मेक इन इंडिया’ अभियान को पंख लगा रहा सरकारी ई-मार्केटप्लेस

New Delhi News : महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के करडे गांव को कृषि पर्यटन श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर शुक्रवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 के विजेताओं की घोषणा की। देश के गांवों में प र्यटन को बढावा देने के लिए वर्ष 2023 में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की प्रतियोगिता की शुरुआत की गई थी। स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले और कृषि पर्यटन को बढावा देने के लिए किए गए प्रयासों के लिए करडे गांव इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। वर्ष 2023 में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की प्रतियोगिता के पहले संस्करण में 795 गांवों से आवेदन प्राप्त हुए। सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता के दूसरे संस्करण में 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 991 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 36 गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 की 8 श्रेणियों में विजेताओं के रुप में घोषित किया गया।

एचआर लीडरशिप काउंसिल कनेक्ट’ में कौशल विकास पर हुई चर्चा

उधर केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने भविष्य के लिए तैयार कौशल और रोजगार क्षमता के लिए मार्ग बनाने के लिए सोसायटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) इंडिया के साथ सहभाग किया है। इस पहल से उद्योग जगत के अग्रणी लोग और वरिष्ठ मानव संसाधन पेशेवर यहां आयोजित ‘एचआर लीडरशिप काउंसिल कनेक्ट’ मंे पहुंचे, जहां कॉरपोरेट और औद्योगिक कार्यबल के उन्नत कौशल के लिए संभावित रणनीतियों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक वेद मणि तिवारी ने कहा कि एनएसडीसी और एचएचआरएम का सहयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विजन के अनुरूप भारत को बेहतर कौशल प्रदान करने के लिए है। उन्होंने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए हमें कौशल विकास की गति को तेज करना होगा। वैश्विक कार्यबल में हर चौथा कर्मचारी भारतीय होने के साथ, हमारे युवाओं को सही कौशल से लैस करना आवश्यक है। एनएसडीसी का एक अध्ययन बताता है कि भारत में कौशल की मांग और वर्तमान आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर है। मांग 103 मिलियन कार्यकर्त्ताओं की है, जबकि वर्तमान आपूर्ति केवल 74 मिलियन है, जो एक बड़े कौशल अंतर को दर्शाता है। यह कमी भारतीय अर्थव्यवस्था के बदलते प्रोफाइल के कारण उभरी है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, सेमीकंडक्टर निर्माण, हरित नौकरियां और अस्थिरता, अपशिष्ट प्रबंधन और परिपत्र अर्थव्यवस्था, खाद्य प्रसंस्करण, ड्रोन प्रौद्योगिकी और एआई सहित कई क्षेत्र हॉट स्पॉट के रूप में उभरे हैं, जहां कुशल प्रतिभा महत्वपूर्ण है।

मेक इन इंडिया’ अभियान को पंख लगा रहा सरकारी ई-मार्केटप्लेस

सार्वजनिक खरीद का ऑनलाइन मंच सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा देते हुए घरेलू व्यवसायों के विकास को प्रोत्साहित करने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में जुटा है। इसके तहत जेम ने केन्द्रीय मंत्रालयों और केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के सभी खरीदारों को सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) से संबंधित आदेश, 2017 का पालन करना आवश्यक कर दिया है। इस समय डीआईपीपी से मान्यता प्राप्त 26,552 स्टार्टअप जेम पर पंजीकृत हैं और इन्होंने जेेम की जीएमवी में 29,176 करोड़ रूपये मूल्य का योगदान किया है। इन स्टार्टअप्स ने जेम की शुरूआत से अब तक कुल 3.40 लाख से अधिक ऑर्डर पूरे किए हैं। जेम के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजित बी चह्वाण ने बताया कि इस तरह के प्रयासों के चलते मेक इन इंडिया के तहत केन्द्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के द्वारा 5 लाख रूपये से अधिक के अनुमानित मूल्य वाली बोलियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में जेम पोर्टल पर केन्द्रीय संस्थाओं द्वारा मंगाई गई लगभग 39 प्रतिशत बिड मेक इन इंडिया के साथ चिन्हित की गई, जबकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 (25 सितंबर 2024 तक) में यह प्रतिशत बढ़कर दोगुना से ज्यादा 81 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने बताया कि जेम ने “#वोकलफॉरलोकल” के तहत कई स्टोरफ्रंट स्थापित किए हैं, जिससे छोटे स्तर के विक्रेताओं को अपने उत्पादों को विशेष रूप से सूचीबद्ध करने में मदद मिली है। जेम ने छोटे उद्यमों को बड़ी राहत देते हुए तय किया है कि जेम पर 10 लाख रूपये से कम मूल्य के ऑर्डर पर कोई भी लेन देन शुल्क नहीं लगेगा।

Created On :   27 Sept 2024 4:28 PM GMT

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