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छत्तीसगढ: कलेक्टर ने ग्रीष्मकालीन प्रायोजना पर की चर्चा, विभागीय अधिकारियों एवं प्राचार्यों की ली समीक्षा बैठक
- शिक्षकों में समाज को बदलने की क्षमता : कलेक्टर
- शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने की दिशा में सभी दें अपना योगदान
- सेवा भावना एवं समर्पित होकर करें अपना कार्य
डिजिटल डेस्क,राजनांदगांव। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने आज डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बसंतपुर राजनांदगांव के सभागृह में ग्रीष्मकालीन प्रायोजना पर चर्चा तथा विभागीय अधिकारियों एवं प्राचार्यों की समीक्षा बैठक ली।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सभी प्राचार्यों से कहा कि शिक्षक समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने की दिशा में सभी अपना योगदान दें। बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और आप सभी शिक्षक बच्चों का भविष्य गढ़ रहे हैं।
शिक्षकों में ऐसी ताकत है, जो समाज को बदलने की क्षमता रखती है। बच्चों को अच्छे संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजने हेतु उनका चिन्हांकन करें। आईटीआई, नीट, आईआईएम, नवोदय, केन्द्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एलएलबी, खेल-कूद एवं विभिन्न क्षेत्रों में उनका कैरियर बनाने के लिए ऐसे बच्चों को चिन्हांकित कर कोचिंग देने की आवश्यकता है।
इन प्रयासों से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिला शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जिला है। देश के प्रख्यात साहित्यकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, गजानंद माधव मुक्तिबोध, डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र की कर्मभूमि रही है और यहां के विभिन्न स्कूलों में महान विभूतियों ने शिक्षा प्राप्त की है।
राजनांदगांव जिले में प्रतिभा की कमी नहीं है। पढ़ाई, खेलकूद, व्यवसाय सभी क्षेत्रों में यह जिला आगे रहा है। यहां शैक्षणिक दृष्टिकोण से सभी मिलकर बहुत कुछ अच्छा कार्य कर सकते हैें।
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को एक सकारात्मक महौल में पढ़ाएं। अगर आप अपनी जिम्मेदारी को खुशी के साथ करेंगे, तो थकेंगे नहीं। अपने कार्य को सेवा भावना एवं समर्पण के साथ करेंगे तो आत्मसंतुष्टि मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए यह आवश्यक है कि ऐसा माहौल होना चाहिए, जिसमें बच्चों की सफलता देखकर दूसरों को भी प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है, समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने सामूहिक चर्चा, रिविजन, ऑडियो-वीडियो के माध्यम से अवधारणा स्पष्ट करने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में संपर्क डिवाईज के माध्यम से अध्यापन का कार्य किया जा रहा है।
स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के लिए सही तरह से मांग प्रस्तुत करें, ताकि मांग के अनुरूप बजट स्वीकृत हो सके। अधोसंरचना एवं सुविधाओं पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने सभी को सक्रियतापूर्वक, शैक्षणिक विषय को अद्यतन करने तथा स्वयं के विकास की नई संभावनाओं की तलाश करने के लिए कहा। इस दौरान ग्रीष्मकालीन प्रायोजना, परीक्षा परिणाम, वार्षिक अकादमिक कार्ययोजना पर चर्चा की गई।
साथ ही छत्तीसगढ़ पोर्टल पर शिक्षकों व कर्मचारियों की जानकारी की प्रविष्टि, विभिन्न देयकों के भुगतान व मांग, शिक्षा के अधिकार के तहत प्रवेश की कार्रवाई, लंबित पेंशन निराकरण, सहित अन्य विषयों पर विभागीय समीक्षा की गई।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल ने कहा कि कार्ययोजना बनाने के लिए संकुल की ओव्हनरशिप आज हस्तांतरित की गई है और सभी ने स्कूल को और बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव दिए हैं।
जिले में एजुकेशन हब बन रहा है, इसके लिए बच्चों को चिन्हांकित करें और उन्हें यहां भेजें ताकि उन्हें आवासीय सुविधा मिल सके और वे विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में आगे अच्छी पढ़ाई कर सकें।
इस अवसर पर सहायक संचालक श्री आदित्य खरे, सहायक संचालक श्रीमती बी संगीता राव, जिला मिशन समन्वयक श्री सतीश ब्यौहरे, जिला साक्षरता समिति श्रीमती रश्मि सिंह, एपीसी श्री एमआर अंसारी, श्री पीआर झाड़े, श्री आदर्श वासनिक, श्री केपी विश्वकर्मा, श्रीमती प्रणिता शर्मा सहित अन्य अधिकारी व प्राचार्य उपस्थित थे।
Created On :   3 May 2024 7:48 PM IST