डॉक्टर की टीम इलाज में जुटी: ससून के अधिष्ठाता खुद कर रहे थे ड्रग माफिया ललित पाटील का इलाज

ससून के अधिष्ठाता खुद कर रहे थे ड्रग माफिया ललित पाटील का इलाज
मेडिकल रिकॉर्ड से हुआ खुलासा; विधायक रविंद्र धंगेकर ने की गिरफ्तारी की मांग

भास्कर न्यूज़, पुणे। ड्रग तस्कर ललित पाटिल के ससून हॉस्पिटल से पलायन के मामले में विपक्षी दलों के आरोपों का केंद्रबिंदु बनें हॉस्पिटल के अधिष्ठाता डॉ संजीव ठाकुर की दिक्क्तें बढ़ती नजर आ रही हैं। मेडिकल रिकॉर्ड से खुलासा हुआ है कि ड्रग माफिया का इलाज खुद डॉ ठाकुर कर रहे थे। पुलिस ने मेडिकल रिकॉर्ड को जब्त कर लिया है। इस बीच शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की नेता सुषमा अंधारे और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे के बाद पुणे के कसबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रवींद्र धंगेकर ने मांग की कि ललित पाटिल मामले में डॉ संजीव ठाकुर को सह-अभियुक्त के रूप में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

क्राइम ब्रांच ने ससून अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास से सवा दो करोड़ रुपये की मेफेड्रोन जब्त की थी। पुलिस ने इस मामले में ललित के साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। ससून में इलाज करा रहे ललित को पुलिस गिरफ्तार करने की कानूनी प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन 2 अक्टूबर की शाम ललित ससून हॉस्पिटल से भाग गया। बाद में मुंबई पुलिस ने ललित को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, पुलिस ने चिकित्सा अधिकारियों से ससून में ललित पर शुरू किए जा रहे सटीक उपचार के बारे में पूछताछ की। पुलिस ने वार्ड नंबर 16 के कैदियों का इलाज करने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों का रिकॉर्ड जब्त कर लिया है। ललित को कथित तौर पर किडनी डिसऑर्डर (हर्निया) था। मेडिकल रिकॉर्ड से पता चला है कि डॉ संजीव ठाकुर खुद ललित पाटील का इलाज कर रहे थे।

इस बीच, कांग्रेस विधायक रवींद्र धंगेकर ने मांग की कि ललित पाटिल मामले में ससून हॉस्पिटल के अधिष्ठाता डॉ संजीव ठाकुर को सह-अभियुक्त के रूप में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मेडिकल रिकॉर्ड से साबित हो गया है कि वे खुद ललित का इलाज कर रहे थे। राज्य सरकार ठाकुर को निलंबित किए बिना उनका समर्थन कर रही है, भले ही उन्होंने गलत काम किया हो। संभावना है कि ठाकुर ने हवाला के जरिये लाखों रुपये लिये होंगे। धंगेकर ने कहा, ललित पाटिल के मामले में एक आपराधिक साजिश का खुलासा हुआ है। वर्तमान सरकार आपराधिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को एक साथ लाकर सत्ता में आयी है। ललित पाटिल मामले ने राज्य सरकार को हिला कर रख दिया है। इस बात की भी आशंका है कि ललित पाटिल का फर्जी एनकाउंटर कर जांच को रोकने की कोशिश की जाएगी। आरोपी ललित पाटिल के पैसों से सरकार और प्रशासन के हाथ दब गए हैं। पुलिस की मेहरबानी से ललित पाटिल का कारोबार शुरू था। डॉ ठाकुर को एक कैबिनेट में मंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है। ठाकुर को सह-आरोपी बनाकर पहले ही दिन गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी मांग की कि ठाकुर और ललित पाटिल का नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए।

Created On :   28 Oct 2023 5:42 PM IST

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