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लोकसभा का रण: कन्हैया कुमार के समर्थन में पुणे के वकील-इंजीनियर-प्रोफेसर दिल्ली में बहा रहे पसीना
- उत्तर-पूर्वी दिल्ली का सियासी मिजाज
- केवल कन्हैया कुमार के प्रचार के लिए जुटे लोग
- पुणे के वकील-इंजीनियर-प्रोफेसर दिल्ली में बहा रहे पसीना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, सुनील निमसरकर, दिल्ली में इस समय भीषण गर्मी का प्रकोप जारी होने के साथ यहां की 7 लोकसभा सीटों के लिए 25 मई को होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार भी चरम पर है। दिल्ली में यूं तो सात सीटें है, लेकिन सत्ता संग्राम में यहां की उत्तर-पूर्वी दिल्ली सबसे हॉट सीट बनी हुई है और देश की नजरें भी इस सीट पर टिकी हैं। इस पर भाजपा के मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार की चुनौती है। इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झौंक ही रही है, लेकिन कन्हैया की जीत सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र के पुणे से आए कुछ वकील, इंजिनीयर और प्रोफेसर भी उनके समर्थन में अपना पसीना बहा रहे है।
पुणे से लोकायात संगठन के चार कार्यकर्ता, जिसमें दो शिक्षक इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कन्हैया कुमार के समर्थन में प्रचार के लिए अपनी छुट्टियों को प्रबंधित करके दिल्ली आए है। लोकायात संगठन के कार्यकर्ता और पेशे से आईटी इंजीनियरिंग प्रोफेसर रूशल आनंद हीना ने बातचीत में बताया कि वे गत 13 मई से उत्तर पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्रचार कर रहे है, जो 23 तारीख तक जारी रहेगा। प्रचार की रणनीति के बारे में रूशल बताते है कि वे डोअर-टू-डोअर, नुक्कड़ नाटक और गानों के जरिए मतदाताओं में प्रचार कर रहे है। इसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के लिए बनाए गए मेनिफेस्टो में जो विशेष गारंटियां दी गई है उससे अवगत करा रहे है। इसके अलावा क्षेत्र में जो समस्याएं है उसको लेकर मतदाताओं के सवालों का समाधान करने की कोशिश कर रहे है और इस चुनाव से रोजगार और राशन कैसे सुनिश्चित होगा इसके बारे में बता रहे है। उन्होंने कहा कि लोगों से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र से दो बार सांसद रहे उम्मीदवार ने इस क्षेत्र की समस्या के समाधान को लेकर कोई विशेष काम किया हो यह नजर नहीं आ रहा है।
केवल कन्हैया कुमार के प्रचार के लिए ही यहां पहुंचने की वजह पूछे जाने पर रूशल ने कहा कि उनका मक्सद भाजपा को केंद्र की सत्ता से रोकना है और जहां-जहां जरुरत है वहां इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों का प्रचार कर रहे है। इस कड़ी में वे कन्हैया के प्रचार के लिए दिल्ली आए है। इसके बाद पंजाब जाने की भी उनकी योजना है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली का सियासी मिजाज
उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाका राष्ट्रीय राजधानी का सबसे बड़ा जिला है, जिसके अंत र्गत 10 विधानसभा सीट आती है और इनमें से अधिकतर विधानसबा सीट आम आदमी पार्टी के कब्जे में हैं। यहां की आबादी 22 लाख से अधिक है, जिसमें 28 फीसदी पूर्वांचली और 23 फीसदी मुस्लिम मतदाता है। इसके अलावा क्षेत्र में एससी 16 फीसदी, ब्राम्हण 11 फीसदी, वैश्य 4.5 फीसदी, गुर्जर 7.5 फीसदी और ओबीसी मतदाता 20 फीसदी हैं। 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट पर पहला चुनाव कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल ने जीता था। वहीं 2014 और 2019 में भाजपा के मनोज तिवारी यहां से सांसद है। बहरहाल, इस सीट पर दोनों उम्मीदवारों के बीच लड़ाई कांटे की है। ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका फैसला चुनाव नतीजों के बाद ही स्पष्ट होगा।
Created On :   21 May 2024 9:17 PM IST