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पुणे: अब आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10% आरक्षण पर देना है ध्यान - चंद्रकांत पाटिल
- मराठी नाट्य सम्मेलन का हस्तांतरण समारोह
- चंद्रकांत पाटिल ने जानकारी दी
- हाथ घड़ी उपहार में दी
डिजिटल डेस्क, पुणे। 100वें अखिल भारतीय विभागीय मराठी नाट्य सम्मेलन का हस्तांतरण समारोह रविवार (28 जनवरी) को सोलापुर के नॉर्थकोट ग्राउंड में राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और संरक्षक मंत्री चंद्रकांत पाटिल की मौजूदगी में संपन्न हुआ। इस दौरान मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अपने हाथ से घड़ी उतारकर सम्मेलन के मुख्य कार्यवाह विजय कुमार सालुंके को उपहार स्वरूप दे दी। इससे सम्मेलन में उपस्थित श्रोता और मंच पर उपस्थित अतिथि, गणमान्य लोग आश्चर्यचकित रह गये। इससे पहले संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में पाटिल ने कहा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मराठा आरक्षण फैसले का ओबीसी आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ा। आरक्षण के फैसले पर आम ओबीसी भाई मराठाओं के पक्ष में हैं। मुख्यमंत्री के फैसले के बाद शुरू हुई बयानबाजी पर अपनी राय व्यक्त करते हुए मंत्री ने कहा कि ओबीसी नेताओं के बयान राजनीतिक हैं।
पाटिल ने कहा, मनोज जारांगे-पाटिल ने कुणबी वंश वालों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की मांग की थी। उन्होंने यह भी मांग की कि कुनबी रिकॉर्ड पाए गए मराठा भाइयों के रिश्तेदारों को भी कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। उनकी इस मांग को सहर्ष स्वीकार कर लिया। इस फैसले का असर ओबीसी के आरक्षण पर भी नहीं पड़ा। मराठा समुदाय में कौन कुनबी नहीं हैं, इसके लिए बहुत बड़ा सर्वेक्षण चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि फरवरी महीने में एक विशेष सत्र आयोजित करके मराठा समुदाय के उन युवाओं को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया जाएगा जिनके कुनबी रिकॉर्ड नहीं है। अब हमें भविष्य में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर ध्यान देना होगा। जो सुविधाएं ओबीसी के लिए आरक्षित हैं वह आर्थिक रूप से पिछड़ों को मिलनी चाहिए। जो लोग कुनबी रिकॉर्ड को ढूंढ लेंगे उन्हें कुनबी से आरक्षण मिलेगा। जिनके रिकॉर्ड नहीं उन्हें अलग से मराठा आरक्षण मिलेगा। पालक मंत्री पाटिल ने यह भी कहा कि इन सबका जवाब आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10 फीसदी आरक्षण है।
इस बीच, पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने नाट्य सम्मेलन के समारोह में अपने हाथ घड़ी उपहार में देने के बारे में कहा कि, किसी भी बड़े आयोजन में, मैं न केवल उस व्यक्ति की सराहना करूंगा जो पूरे दिल से काम करता है और कार्यक्रम को सफल बनाता है, बल्कि उसकी करते मेरे हाथ की घड़ी दे दूंगा। यह कहते हुए कि घड़ी एक उपहार है, उन्होंने घड़ी अपने हाथ से उतार दी और सम्मलेन के मुख्य कार्यवाह विजयकुमार सालुंखे के हाथ में बांध दी। अचानक मिले इस उपहार से विजयकुमार सालुंखे की आंखों में आंसू आ गए।
Created On :   29 Jan 2024 4:41 PM IST