खुलासा: ऑनलाइन टास्क फ्रॉड मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 14 धराए

ऑनलाइन टास्क फ्रॉड मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 14 धराए
  • अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश
  • ऑनलाइन टास्क फ्रॉड मामला
  • 95 फर्जी बैंक अकाउंट से 200 करोड़ की ठगी
  • पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट 4 की कामयाबी

डिजिटल डेस्क, पुणे। देशभर में नागरिकों को ऑनलाइन टास्क देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की अपराध शाखा यूनिट 4 ने तकनीकी विश्लेषण किया और ऑनलाइन टास्क फ्रॉड के 17 मामलों का खुलासा किया। गिरफ्तार आरोपियों ने 95 फर्जी बैंक खाते खोल रखे थे जिसमें दो सौ करोड़ का लेनदेन का खुलासा हुआ है। इसमें पिंपरी चिंचवड़ के ठगे गए नागरिकों की साढ़े तीन करोड़ की रकम है। इन खातों को पुलिस ने फ्रीज कर दिया है। इस कार्रवाई के कारण पहली बार ऑनलाइन टास्क धोखाधड़ी के आरोप में 14 लोगों के गिरोह पर शिकंजा कसने में सफलता मिली है, यह दावा क्राइम ब्रांच की पुलिस उपायुक्त स्वप्ना गोरे ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मलेन में किया है।

गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम चिंतन शशिकांत फड़के (35, निवासी इंदौर, मध्य प्रदेश), आशीष प्रल्हादराय जाजू (35, निवासी कोंढवा, पुणे), ब्रजराज रामरतन वैष्णव (उम्र 18), अभिषेक सत्यनारायण पाराशर (24), नवीनकुमार नेवंद्रम असनानी (40), विकास सत्यनारायण पारिख (29), मनीष ऋषिकेष वैष्णव (33, सभी पांचों निवासी भीलवाड़ा, राजस्थान), मोहम्मद रऊफ मोहम्मद राशिद (24), राजेश भगवानदार करमानी (26), मोहम्मद राशिद चंद मोहम्मद (47, तीनों निवासी अजमेर, राजस्थान), सुरेश गोवर्धनदास सिंधी (32), गौरव महावीर सेन (31), ललित नवरतन मल पारिख (33), सुंदरदास छेदनदास सिंधी (24, चारों निवासी गुलाबपुरा, राजस्थान) हैं। पुलिस उपायुक्त गोरे ने बताया कि, ऑनलाइन टास्क धोखाधड़ी में पकड़े गए ये सभी सुशिक्षित और साइबर के जानकार हैं। इसमें बैंकों में काम कर चुके कर्मचारी भी शामिल हैं। इस गिरोह ने आईटी सेक्टर के साथ-साथ सुशिक्षित नागरिकों पर फोकस किया है।

पुलिस उपायुक्त स्वप्ना गोरे के मुताबिक, ऑनलाइन टास्क फ्रॉड के जरिए एक महिला से 71 लाख 82 हजार 520 रुपये की ठगी की गई। इस मामले में हिंजवडी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस अपराध की जांच क्राइम ब्रांच यूनिट चार को सौंपी गई। यूनिट चार के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शंकर अवताडे, सहायक पुलिस निरीक्षक अंबरीश देशमुख, पुलिस उप निरीक्षक गणेश रायकर की टीम ने तकनीकी विश्लेषण किया। इसमें पता चला कि संदिग्धों ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए अलग तरीका अपनाया। पुलिस ने संदिग्धों के अपराध पैटर्न का विश्लेषण करने के बाद संदिग्धों की पहचान की। तदनुसार, वे मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान राज्यों में गए और 14 संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद ऑनलाइन टास्क फ्रॉड के 17 मामले सामने आए। यह भी पता चला कि संदिग्धों ने इन अपराधों को अंजाम देने के लिए 95 फर्जी बैंक खाते खोले थे।

इस गिरोह के गिरफ्त में आने के बाद हिंजवडी, वाकड, चिंचवड़ पिंपरी, आलंदी, चिखली, अवधूतवाडी, पूर्व प्रभाग साइबर पुलिस, दक्षिण प्रभाग साइबर पुलिस, साइबर अपराध पुलिस ठाणे, केंद्रीय साइबर पुलिस थाना बैंगलोर, साइबर अपराध पुलिस थाना आगरा, साइबर क्राइम पुलिस थाना हावड़ा में दर्ज मामलों का खुलासा हुआ है। यह गिरोह तीन स्तरों पर काम कर रहा था। पहले स्तर पर आम आदमी को पैसों का लालच देकर उसके आधार कार्ड, फोटो, मोबाइल नंबर आदि हासिल कर उसके जरिये बैंक में खाते खोले जाते थे। उसी नाम पर शहर में जमीन किराये पर लेकर एक फर्म शुरू करते। दूसरे स्तर पर कार्य धोखाधड़ी के लिए ऑनलाइन ग्राहकों की तलाश की जाती थी। इसमें संबंधित नागरिकों को अधिक आय का लालच देने के लिए संदेश भेजे जा रहे थे. तीसरे स्तर पर वित्तीय धोखाधड़ी कर पैसों की हेराफेरी की जाती थी। हिंजवडी के मामले में वादी महिला के मोबाइल पर पार्ट टाइम जॉब कर पैसा कमाने का मैसेज आया। इसके बाद संबंधित महिला को अलग-अलग होटल और रेस्टोरेंट का रिव्यू और रेटिंग देने का काम दिया गया। उसे बताया गया कि इसके लिए उनके खाते में बड़ी रकम जमा की गई है। महिला ने शुरुआत में दो बार खाते से कुछ रकम निकाली। हालांकि, बाद में उसने यह कहकर महिला से लाखों रुपये ठग लिए कि अकाउंट लॉक हो गया है और पैसा निवेश करना होगा।

Created On :   18 Dec 2023 3:47 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story