ड्रा: एक दो संतानों पर ही ठहरें नहीं तो ब्रम्हदेव भी जरूरतों को पूरा न कर पाएंगे

एक दो संतानों पर ही ठहरें नहीं तो ब्रम्हदेव भी जरूरतों को पूरा न कर पाएंगे
प्रधानमंत्री आवास योजना के ड्रा में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की सलाह

डिजिटल डेस्क , पुणे। प्रधान मंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम द्वारा पिंपरी और आकुर्डी में स्थापित आवास परियोजनाओं के लाभार्थियों का निर्धारण करने के लिए चिंचवड़ के रामकृष्ण मोरे हॉल में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के हाथों शनिवार को कम्प्यूटरीकृत लॉटरी निकाली गई। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा, सरकार का सपना है कि राज्य के नागरिकों को अच्छा और अच्छा घर मिले, झुग्गी-झोपड़ी मुक्त शहर मिले और राज्य के हर गरीब भाई को सही घर मिले। इसके लिए 1538 आवासीय परियोजनाओं के माध्यम से 15 लाख फ्लैटों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, यह दावा करते हुए पवार ने उपस्थितों को सलाह दी कि, एक या दो संतानों पर ही ठहर जाएँ अन्यथा ब्रम्हदेव भी नीचे आ गए तो वे भी आपके घरों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगे।

इस दौरान अजीत पवार यह कहना भी नहीं भूले कि हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है, सरकार की जिम्मेदारी है, मैं इससे बिल्कुल इनकार नहीं करता, लेकिन मैं देखता हूं 33 साल पहले 1991 में जब मैं सांसद बना था, तब वहां की जनसंख्या कितनी थी और अब आखिर कितनी है इतने सालों में आबादी कितनी बढ़ गई है। उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा, राज्य में केंद्रीय अनुमोदन नियंत्रण समिति द्वारा 9 लाख फ्लैटों को मंजूरी दी गई है। 6 लाख से ज्यादा परिवारों को फ्लैट के लिए सब्सिडी दी गई है। राज्य में मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर, पिंपरी चिंचवड़ के नगर निगम क्षेत्रों में म्हाडा, सिडको, स्लम पुनर्वास परियोजना आदि के माध्यम से घर उपलब्ध हैं। इस कार्यक्रम में सांसद श्रीरंग बारणे, विधायक अन्ना बनसोडे, नगर निगम आयुक्त शेखर सिंह, अपर आयुक्त उल्हास जगताप आदि उपस्थित थे।

आदिवासियों के लिए शबरी आवास योजना, आदिम आवास योजना, अनुसूचित जाति के नागरिकों के लिए रमाई घरकूल योजना, पारधी आवास योजना, अटल प्रकाश्वर कामगार आवास योजना लागू की जा रही है। ऐसी विभिन्न योजनाओं से नागरिकों को उनका हक का घर मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत जमीन खरीदने पर अनुदान को 1 लाख तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि घर मिलने के बाद जरूरतमंद परिवारों के चेहरे पर जो खुशी देखी गई, वह दिल को छू लेने वाली है। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चूंकि म्हाडा अधिनियम संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है, इसलिए खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास के साथ-साथ रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने में भी लाभ होगा।

पवार ने आगे कहा, पिंपरी चिंचवड़ शहर के समग्र विकास के लिए कई बार कड़े फैसले लिए गए। बढ़ते शहर की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई सुविधाओं का निर्माण करना पड़ता है। शहर में बाहर से कई नागरिक रोजगार के लिए आते हैं। उन्हें अपना हक का घर मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार डेढ़ लाख रुपये और राज्य सरकार एक लाख रुपये की सब्सिडी देती है। सरकार का प्रयास है कि यह मकान अच्छी गुणवत्ता का हो। 11 हजार 287 उम्मीदवारों ने सही घर के लिए आवेदन पत्र भरकर पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम में अपना विश्वास दिखाया है। नगर निगम को पात्र लाभार्थियों को तुरंत सूचित करना चाहिए कि ड्रा के बाद उन्हें घर का कब्ज़ा मिलेगा, न कि इसके लिए इंतज़ार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि शहर में जगह उपलब्ध हो तो श्रमिकों के लिए सोलापुर की तर्ज पर हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रयास किया जा सकता है।

नगर निगम आयुक्त शेखर सिंह ने परिचय में आवासीय परियोजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 938 फ्लैटों का ड्रॉ निकाला जा रहा है। ड्रा का परिणाम नगर निगम की वेबसाइट और लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर दिया जाएगा। पिंपरी परियोजना में 370 फ्लैट हैं और इसकी कुल लागत 47 करोड़ है जिसमें केंद्र का हिस्सा 5 करोड़ 50 लाख और राज्य का हिस्सा 3 करोड़ 70 लाख है। आकुर्डी परियोजना में 568 फ्लैट हैं और इसकी कुल लागत 70 करोड़ है। इसमें नगर निगम का हिस्सा 16 करोड़ 80 लाख, राज्य सरकार का 5 करोड़ 60 लाख, केंद्र सरकार का 8 करोड़ 50 लाख और बाकी लाभार्थियों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि दोनों परियोजनाओं में 30 वर्ग मीटर का मैट एरिया है और इसमें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं।

Created On :   20 Jan 2024 1:27 PM GMT

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