पुणे: हथियार या चिह्नित चेहरे देखकर सीसीटीवी कैमरा कंट्रोल रूम को देगा जानकारी

हथियार या चिह्नित चेहरे देखकर सीसीटीवी कैमरा कंट्रोल रूम को देगा जानकारी
  • पुणे में लगाए जाएंगे तीन हजार हाईटेक कैमरे
  • 1007 संवेदनशील क्षेत्र चुने गए

डिजिटल डेस्क, पुणे, गुणवंती परस्ते। शहर में अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुणे पुलिस अब हाईटेक सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करने जा रही है। कैमरों की विशेषता यह है कि हथियार लेकर घूम रहे अपराधी या चिह्नित चेहरे देखते ही यह बीप बजाएगा जो पुलिस कंट्रोल रूम में सुनाई देगी। कंट्रोल रूम क्षेत्र में ड्यूटी पर मौजूद कर्मी अपने सहकर्मियों को इसकी सूचना देगा जो उक्त क्षेत्र में तैनात है, ताकि अपराधी को जल्द पकड़ा जा सके या किसी घटना को रोका जा सके। इन कैमरों को शहर के 1007 संवेदनशील या भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में लगाया जाएगा। करीब 3000 कैमरे लगाने की तैयारी है। इसके लिए पुलिस विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। संभावना है अगस्त-सितंबर में लगना शुरू हो जाएंगे।

पिछले कुछ समय से पुणे शहर में अपराधों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोयता गैंग का खौफ तो काफी बढ़ रहा है। ये गैंग कई अपराधों में शामिल है। पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार भी एक बैठक में इस मामले का उल्लेख कर चुके हैं। स्टॉफ की कमी से जूझ रहे पुलिस विभाग को सीसीटीवी कैमरों का सहारा मिलने की उम्मीद है। जो हाईटैक कैमरे लगाए जा रहे हैं वे उन चेहरों को लेकर भी जानकारी देंगे जो सिस्टम में फीड किए गए हैं। फेस डिटेक्टर इसमें काम करेगा। पुलिस की पकड़ से दूर रहने वाले आरोपी इसमें शामिल होंगे। इनके चेहरे सिस्टम में फीड किए जाएंगे। हाइटेक सीसीटीवी कैमरे रात के अंधेरे में भी स्पष्ट तस्वीरें लेने में सक्षम हैं। स्मार्ट पुलिसिंग के लिए अपराधियों का हुलिया और प्रोफाइल पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। यदि ये आरोपी कैमरे की रेंज में पहुंचे तो कंट्रोल रूम में बीप बजना शुरू हो जाएगी। यह पता चल जाएगा कि कौन से कैमरे से बीप बज रही है। बीप के साथ वाइस मैसेज भी पहुंचेगा जिसमें हथियार या फीड किए गए चेहरे की जानकारी होगी। साथ ही दुर्घटना को अंजाम देकर भागने वाले वाहन चालकों की भी पहचान की जा सकेगी।

आईपी एड्रेस लेकर बाजार में लगे कैमरों को भी जोड़ेंगे

विभिन्न शासकीय विभागों, बैंकों, बाजारों में लगे कैमरों को भी कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। जो कैमरे वहां लगे हैं उनका आईपी एड्रेस लेकर पुलिस अपने सिस्टम में जोड़ेगी। इससे किसी भी घटना का फुटेज लेने के लिए पुलिस को संबंधित विभाग, बैंक या बाजार में नहीं जाना होगा। निजी संस्थानों में बाहर लगे कैमरों का ही आईपी एड्रेस लिया जाएगा। इन कैमरों को हाईटेक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मदद करेगा।।

चोरी के वाहन भी बताएगा

यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान भी कैमरों से हो सकेगी। अफवाह और झूठी सूचनाओं की त्वरित तस्दीक भी ये कर सकेगा। इसके साथ ही पुलिस की घटनास्थल पर पहुंच संभव होगी। चोरी हुआ वाहन कंट्रोल रूम से जुड़े चौराहों या बाजारों के सीसीटीवी कैमरे के सामने से आते ही पुलिस को जानकारी मिल जाएगी। चोरी हुए जिन वाहनों के नंबर सिस्टम में फीड होंगे वहीं इसमें आएंगे।

एसीपी विवेक पवार के मुताबिक हाईटेक सीसीटीवी कैमरे अगले दो से तीन माह में लगने शुरू हो जाएंगे। इसके लिए पहले ट्रायल किया जाएगा जो जल्द शुरू होगा। यह व्यवस्था लागू होने के बाद अन्य सीसीटीवी कैमरों को भी पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ते हुए इस सुविधा का विस्तार किया जाएगा। जो टेक्नालॉजी इसमें उपयोग की जा रही है वह एकदम नई है।

Created On :   20 Jun 2024 7:30 PM IST

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