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पुणे: भरण पोषण भत्ता देने के साथ होम लोन की किश्त भी चुकाएगा पति, उसी की जिम्मेदारी
- बात मारपीट और अब अलग-अलग रहने तक पहुंच गई
- पति घर छोड़कर माता-पिता के साथ रहने चला गया
- पत्नी उसी फ्लैट में रह रही है
डिजिटल डेस्क, पुणे। वाघोली इलाके के एक दंपत्ति का मनमुटाव इतना बढ़ गया कि बात मारपीट और अब अलग-अलग रहने तक पहुंच गई। पति घर छोड़कर माता-पिता के साथ रहने चला गया, जबकि उसकी पत्नी उसी फ्लैट में रह रही है जिसे लोन लेकर खरीदा था। विवाद के बाद पति ने लोन की 54 हजार रु. प्रतिमाह किश्त जमा करना बंद कर दिया तो बैंक ने नोटिस जारी कर दिया। पत्नी ने होम लोन की किश्त न चुकाने का मामला भी न्यायालय के समक्ष रखा। न्यायालय ने आदेश दिया कि पति अपनी पत्नी को भरण पोषण भत्ता देने के साथ बैंक की किश्त भी चुकाए।
दंपत्ति ने 2011 में लव मैरिज की थी। काफी समय बीतने के बाद भी जब बच्चा नहीं हुआ तो पति के परिजन बहू को प्रताड़ित करने लग गए। पति अपनी पत्नी के साथ बार-बार मारपीट करने लगा। ससुराल वालें हमेशा उसे ताना मारा करते थे, हमारी जाति की नहीं होने की वजह से बच्चे नहीं हो रहे हैं। पति और रिश्तेदार मानसिक और शारीरिक रूप से तकलीफ दिया करते थे। पति ने जानबूझकर महिला को इतना परेशान किया कि वह घर छोड़कर चली जाए। जब महिला घर छोड़कर नहीं गई तो पति खुद घर छोड़कर चला गया और अपने माता पिता के साथ रहने लगा।
पत्नी को प्रताड़ित करने वाले पति को कोर्ट ने हर महीने पत्नी को 25 हजार रुपए भरण पोषण के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया है। दोनों ने मिलकर एक फ्लैट खरीदा था जिसकी किश्त पति भरता था। पत्नी से दूर होने के बाद पति ने घर की किश्त भरना बंद कर दिया। इससे बैंक की तरफ से घर को जब्त करने का नोटिस आया। पत्नी ने एडवोकेट सुरेंद्र आपुणे व अनिता पाटिल की ओर से 29 अक्टूबर 2023 को कुटुम्ब न्यायालय में आवेदन दिया था। पति की आय 1.50 लाख रु. महीना है, उसके बावजूद वह पत्नी की देखभाल नहीं करता है।
पत्नी की आय का स्त्रोत कुछ नहीं है जिससे वह होम लोन की किश्त भरने में सक्षम नहीं थी। पत्नी ने 60 हजार रु. महीना भरण पोषण भत्ता मांगा था लेकिन न्यायालय ने 25 हजार रु. तय किया था। बात जब होम लोन की आई तो न्यायाधीश विक्रांत खंदारे ने आदेश दिया कि होम लोन की किश्त चुकाना पति की जिम्मेदारी है। जितने महीने की किश्त बाकी है, वह पति ही भरेगा।
Created On :   14 Jun 2024 8:41 PM IST